कहा जाता है इंसान जो चाहता वह उसे हर हाल में पा ही लेता है। वह बंजर जमीन में फसल उगा सकता है, वह चाहे तो उजड़े चमन में फिर से बहार ला सकता है। तेलंगाना में एक ऐसी घटना देखने को मिली है। जहां  चार महीने पहले उखड़े एक पेड़ का पहले तो रेस्क्यू किया गया। फिर उस पेड़ की इतनी सेवा की गई कि उसमें नई कोपलें फूट पड़ी हैं। जिसने भी यह नजारा देखा इस नेक कार्य में लगे युवाओं की तारीफ कर रहा है।





तेलंगाना के सिरसिला के पास सुड्डाला गांव है, यहां पर बारिश के दिनों में 100 साल पुराना करीब 100 टन वजनी विशाल बरगद का पेड़ गिर गया था। जिसके बाद स्थानीय लोगों और प्रकृति प्रेमियों की मदद से इसे यहां से करीब 6 किलोमीटर दूर स्थित एक अन्य स्थान पर लगा दिया गया। इस काम में यहां के स्थानीय निवासी डाक्टर डोब्बाला प्रकाश ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। डोब्बाला एक प्रकृति प्रेमी है। वे पर्यावरण संरक्षण की दिशा में काफी कार्य करते हैं। जब बारिश की वजह से पेड़ गिर गया था तो वे यह सोच कर चिंतित हो रहे थे कि जिस पेड़ ने मनुष्यों और पक्षियों को समान आसरा दिया। वह पेड़ बेसहारा जमीन पर पड़ा है।



फिर उन्होंने पेड़ को पुनर्जीवित करने की ठानी। डोब्बाला प्रकाश ने इसके लिए लोगों से अनुदान जमा किया। फिर क्रेन की मदद से विशाल बरगद के पेड़ को फिर से लगाने की तैयारी की। एक विशेष रणनीति बनाई कर इस पेड़ को अन्य स्थान पर रोपा गया। उसकी उचित देखभाल की गई। अब इस पेड़ में कोंपलें फूट गई हैं।



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वहीं इस 100 साल पुराने बरगद के पेड़ की दो बड़ी शाखाओं को यहां से दूर तंगन्नापल्ली मंडल में जिल्लेल्ला वन क्षेत्र में रोपा गया था। जबकि तने को सिरसिला में जगह दी गई। अब पर्यावरण प्रेमियों के इस प्रयास की तारीफ हो रही है।