नई दिल्ली। अमेरिकी स्पेस एजेंसी स्पेस-एक्स का ड्रैगन क्रू कैप्सूल रविवार देर रात सफलतापूर्वक पृथ्वी पर लौट आया। स्थानीय समयानुसार रविवार दोपहर 2:48 बजे इसकी लैंडिंग हुई। यह कैप्सूल अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से शनिवार शाम 7:54 बजे पृथ्वी के लिए रवाना हुआ था जिसकी अगले दिन फ्लोरिडा समुद्र तट से कुछ किलोमीटर की दूरी पर समुद्र में सफल लैंडिंग हुई। लैंडिंग के बाद निजी स्पेस कंपनी स्पेस एक्स और नासा के लोगों ने कैप्सूल को रेस्क्यू किया। इसमें सवार दोनों अंतरिक्ष यात्री बॉब बेह्नकेन (49) और डग्लस हर्ली (53) पूरी तरह से स्वस्थ बताए जा रहे हैं। विश्व के इतिहास में यह पहला मौका था जब अंतरिक्ष में इंसानों को लेकर किसी निजी कंपनी का रॉकेट गया हो।



नासा की ओर से बताया गया है कि ड्रैगन नाम के कैप्सूल को चालक दल ने ड्रैगन एंडेवर नाम दिया है जो पृथ्वी की कक्षा से 28 हजार किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से धरती की ओर आया और उसने 560 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से वायुमंडल में प्रवेश किया। आखिर में इसकी रफ्तार 24 किलोमीटर प्रति घंटे की हो गयी थी जिसके बाद यह सफलतापूर्वक मेक्सिको की खाड़ी में उतरा। इस दौरान वायुमंडल में घर्षण की वजह से कैप्सूल के बाहरी सतह का तापमान 1900 डिग्री सेल्सियस तक जा पहुंचा था। पृथ्वी की ओर लौटते समय कैप्सूल पर 4 से 5 गुना अधिक गुरुत्वाकर्षण बल भी महसूस किया गया। 





स्पेस एक्स ने पहले बताया था कि समुद्र में कैप्सूल के पास आधे घंटे में पोत पहुंच जाएगा और उन्हें निकालने के लिए अतरिक्त समय लगेगा। फ्लाइट सर्जन सबसे पहले कैप्सूल का मुआयना करेंगे। इसके बाद कैप्सूल को खोला जाएगा और अंतरिक्ष यात्रियों की चिकित्सा जांच होगी जिसके बाद वे ह्यूस्टन स्थित अपने घर के लिए उड़ान भरेंगे। समुद्र में स्पेसएक्स के ड्रैगन कैप्सूल के उतरने के बाद उसे बाहर निकालने के लिए स्पेस एक्स का जहाज तकरीबन 40 कर्मचारियों के साथ तैनात था जिसमें डॉक्टर, नर्स आदि मौजूद थे। 





बता दें कि फ्लोरिडा के तटीय इलाके में चक्रवात इसायस का खतरा होने के बावजूद इन्होंने अपना मिशन जारी रखा। यान के उतरने के लिए सात अलग-अलग स्थान चुने गए थे लेकिन मेक्सिको की खाड़ी पर ही इसके उतरने की संभावनाएं सबसे ज्यादा थी। नासा ने पिछले 45 वर्षों के इतिहास में पहली बार किसी अंतरिक्ष यात्री को सीधे समुद्र में उतारा है। इसके पहले नासा के अंतरिक्ष यात्री 24 जुलाई 1975 को अंतरिक्ष से पानी में लौटे थे। अमेरिका ने आखिरी बार वर्ष 2011 में स्पेस शटल को लॉन्च किया था वहीं पिछले नौ वर्षों से वह अंतरिक्ष यात्रियों को स्पेस में भेजने के लिए रूस पर निर्भर था। नासा 2030 तक मंगल ग्रह पर भी यात्रियों को भेजने की तैयारी में है।