पटना। बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर राज्य में सियासी सरगर्मियां तेज है। चुनाव से ठीक चार महीने पहले चिराग पासवान को बड़ा झटका लगा है। उनकी पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के 38 नेताओं ने एकसाथ इस्तीफा दे दिया है। 

जानकारी के अनुसार खगड़िया में पार्टी के 38 नेताओं और कार्यकर्ताओं ने एक साथ इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफा देने वालों में पार्टी के प्रदेश महासचिव रतन पासवान, पूर्व जिलाध्यक्ष शिवराज यादव, युवा जिलाध्यक्ष सुजीत पासवान सहित सातों प्रखंड अध्यक्ष शामिल हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, खगड़िया सांसद राजेश वर्मा की कार्यशैली और उनका व्यवहार इस्तीफे की मुख्य वजह बताई जा रही है। साथ ही, नए जिलाध्यक्ष के मनोनयन को लेकर भी नाराजगी है। दरअसल, 23 जुलाई को प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी ने मनीष कुमार उर्फ नाटा सिंह को खगड़िया का नया जिलाध्यक्ष नियुक्त किया था। 

आरोप है कि यह नियुक्ति खगड़िया सांसद राजेश वर्मा के इशारे पर की गई, जिससे नाराज होकर नेताओं ने सामूहिक इस्तीफा दिया। इस्तीफा देने वाले नेताओं ने एक खुला पत्र जारी कर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से अपील की है कि खगड़िया में नेताओं और कार्यकर्ताओं का अपमान बंद हो। 

पूर्व जिलाध्यक्ष शिवराज यादव ने बताया कि सांसद राजेश वर्मा का व्यवहार अमर्यादित है और वह कार्यकर्ताओं का लगातार अपमान कर रहे हैं। प्रदेश महासचिव रतन पासवान ने कहा, हमारे सामूहिक इस्तीफे का कारण सांसद और उनके प्रतिनिधियों द्वारा कार्यकर्ताओं के साथ किया गया अभद्र व्यवहार है। हम पार्टी में अपमानित होकर काम नहीं कर सकते।

बता दें कि खगड़िया से ही एलजेपी के संस्थापक रामविलास पासवान ने पार्टी की नींव रखी थी। अब उन्हीं की पार्टी के नेताओं का अपने गढ़ में अपमान और सामूहिक इस्तीफा चिराग पासवान के लिए चिंता का विषय बन गया है, खासकर तब जब विधानसभा चुनाव बेहद करीब हैं।