अनंत चतुर्दशी को भगवान गणेश की विदाई हो रही है। 10 दिनों तक भक्तों के यहां विराजने के बाद अब गजानन अपने धाम जाएंगे। भक्त साल भर तक गणेश जी का आशीर्वाद पाने के लिए उन्हें अपने घर में ही विसर्जित करें औऱ फिर उस मिट्टी को फूलों की क्यारी में डाल दें। ऐसा करने से भगवान का आशीर्वाद पूरे साल मिलता रहेगा। बप्पा के विसर्जन से पहले उनकी विधि-विधान से पूजा करें। 21 गांठ दूर्वा चढ़ाएं, मोदक का भोग लगाएं, आरती करें, उनके सामने अपने मन की प्रार्थना करें और फिर उन्हे साफ बर्तन में पानी भर कर विसर्जित कर दें।

 अनंत चतुर्दशी पर उपवास रखकर भगवान विष्णु के अनंत स्वरूप की आराधना की जाती है। जीवन के कष्टों से मुक्ति के लिए भगवान विष्णु को अनंत सूत्र बांधने का विधान है। रेशमी धागे में 14 गांठे लगाकर भगवान को चढाई जाती हैं, फिर पूजन के बाद उसे अपने और सभी परिजनों के सीधे बाजू में बांधा जाता है। अनंत चतुर्दशी के मौके पर तीन ग्रह एक ही राशि में हैं।

कन्या राशि में मंगल, बुध और सूर्य एक साथ विराजमान होने के कारण मंगल बुधादित्य योग बन रहा है। मान्यता है कि यह योग विशेष फलदाई होता है। इसमें की गई पूजा कई गुना फल देती है। अनंत चतुर्दशी पर गरीबों को दिया गया दान अनंत फल देने वाला होता है।