चेन्नई। पहले मैच में इंग्लैंड के हाथों मिली 227 रनों का बदला भारतीय टीम ने चेन्नई के चेपॉक मैदान में ही चुकता कर लिया है। भारतीय टीम ने दूसरे टेस्ट के चौथे दिन ही इंग्लिश टीम को 317 रनों से करारी मात दे दी है। भारतीय टेस्ट इतिहास में इंग्लैंड टीम के ऊपर यह सबसे बड़ी जीत है। इससे पहले भारतीय टीम ने 1986 में लीडस् के मैदान में इंग्लैंड को 279 रनों से पटखनी दी थी।  

इस मैच में भारतीय टीम की तरफ से टीम वर्क देखने को मिला। पहली पारी में रोहित शर्मा के शतक (161 रन), रहाणे के 67 और विकेटकीपर बल्लेबाज़ ऋषभ पंत के नाबाद 58 रनों के बदौलत भारतीय टीम ने स्कोर बोर्ड पर 329 रनों का स्कोर टांग दिया। टेस्ट मैच के हिसाब से यह स्कोर भले ही साधारण लगा रहा था, लेकिन पहले ही दिन से टर्न खाती चेन्नई की पिच पर इंग्लैंड टीम के लिए यह स्कोर काफी बड़ा साबित हुआ। 

पहली पारी में अश्विन के फाइफर (पांच विकेट) के साथ साथ अक्षर पटेल और ईशांत शर्मा के दो दो विकेटों की बदौलत भारतीय गेंदबाज़ों ने इंग्लैंड की टीम को महज़ 134 रनों के स्कोर पर रोक लिया। भारतीय टीम दूसरी पारी में जब बल्लेबाज़ी करने उत्तरी तो इंडियन टीम के पास 195 रनों की बड़ी बढ़त थी। मुश्किल पिच पर कप्तान कोहली के अर्शतक (62 रन) और टेस्ट करियर में अश्विन के पांचवें शतक (106 रन) की पारी के कारण भारतीय टीम ने 286 रन बना लिए। इंग्लैंड टीम को 581 रनों का लक्ष्य मिला था। चूँकि भारतीय पारी के समाप्त होने तक तीसरे दिन के खेल में अभी भी बीस ओवरों का खेल शेष था। इसलिए इंग्लैंड टीम के लिए लक्ष्य हासिल करने और भारतीय टीम के लिए इंग्लिश बल्लेबाज़ों को आउट करने का पर्याप्त समय था। खेल के चौथे दिन भारतीय टीम ने इंग्लैंड की पूरी टीम को महज़ 164 रनों पर समेट दिया। भारतीय टीम यह मैच 317 रनों के बड़े अंतर से जीत गई। जो कि भारतीय टीम के इतिहास में इंग्लिश टीम के ऊपर सबसे बड़ी जीत बन गई।  

भारतीय टीम ने टेस्ट मैचों में सबसे बड़ी जीत दिल्ली के फ़िरोज़शाह कोटला में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ (2015/16 में) 337 रनों की जीत दर्ज की है। इसके बाद भारतीय टीम न्यूज़ीलैंड को 321 रन (इंदौर, 2016/17), ऑस्ट्रेलिया को 320 रन (मोहाली,2008/09), वेस्ट इंडीज़ को 319 रनों से हरा चुकी है। इसके साथ ही इस मैच में जीत दर्ज करने के बाद भारतीय टीम के साथ इतिहास में ऐसा दूसरी बार हुआ है कि पहला मैच भारतीय टीम 200 रनों के ज़्यादा अंतर् से हारी हो और दूसरे मैच में भारतीय टीम ने विपक्षी टीम को 200 रनों से ज़्यादा से शिकस्त दी हो। इससे पहले भारतीय टीम ने यह करनामा 1996 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेली गई घरेलु श्रृंखला में किया  था। भारतीय टीम ने कोलकाता में पहला टेस्ट 329 रनों से गंवा दिया था जबकि कानपुर में भारतीय टीम ने प्रोटियाज़ को 280 रनों से करारी मात दे दी थी।  

भारतीय टीम के लिए इस टेस्ट मैच में डेब्यू करने वाले अक्षर पटेल ने भी आंकड़ों के लिहाज़ से कीर्तिमान स्थापित किया। अक्षर पटेल अपने डेब्यू टेस्ट में फ़ायवफर लेने वाले भारत के छठे स्पिनर  बन गए। अक्षर पटेल से पहले यह कारनामा वमन कुमार, दिलीप दोषी, नरेंद्र हिरवानी, अमित मिश्रा, आर अश्विन और अब अक्षर पटेल ने कर लिया है।     

बहरहाल इस जीत के बाद भारतीय टीम के हौसले बुलंद हैं। लेकिन 24 फरवरी से अहमदाबाद के मोटेरा में शुरू होने वाला तीसरा मुकाबला भारतीय टीम के लिए चुनौतीपूर्ण होने वाला है। क्योंकि उस मुकाबले में भारतीय टीम को इंग्लैंड के खिलाफ पिंक बॉल टेस्ट यानी डे नाइट टेस्ट खेलना है। अगले टेस्ट मैच में जेम्स एंडरसन और जोफ्रा आर्चर के टीम का हिस्सा रहने की पूरी संभावना है। भारतीय टीम को अगर टेस्ट चैम्पियनशिप का फाइनल खेलना है तो उसे यह सीरीज़ हर हाल में जीतनी है।