दिल्ली। अब भारतीय महिलाओं को नेशनल डिफेंस एकेडमी और नेवल एकेडमी में दाखिला मिल सकेगा। एक लंबी लड़ाई के बाद महिलाओं को यह मौका मिला है। वे अब पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर अब इन अकादमियों में एडमिशन ले सकेंगी। जिसके बाद उन्हें स्थाई कमीशन में अफसर बनने का मौका मिल सकेगा। भारत सरकार का यह कदम ऐतिहासिक है। जिसके तहत देश की महिलाओं को आर्म्ड फोर्सेस में परमानेंट कमीशन के लिए नेशनल डिफेंस एकेडमी में प्रवेश देने की अनुमति दे दी गई है। 

सुप्रीम कोर्ट में सरकार की ओर से कहा गया कि एनडीए और नेवल अकादमी में महिलाओं को दाखिला मिलेगा। फिलहाल दाखिले की पॉलिसी औऱ प्रोसीजर तय करने की प्रक्रिया जारी है। पॉलिसी को अंतिम स्वरूप दिया जा रहा है।

केंद्र की ओर से ASG ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि मेरे पास एक खुशखबरी है कि रक्षा सेनाओं के प्रमुखों और सरकार ने आपसी बैठक में यह तय कर लिया है कि अब महिलाओं को एनडीए और नेवल अकादमी में प्रशिक्षण के बाद स्थाई कमीशन अधिकारियों के रूप में नियुक्त किया जाएगा। एडमिशन प्रोसिजर दो हफ्ते में जारी करने की तैयारी है।

देश की महिलाएं एनडीए और नेवल एकेडनी में ट्रेनिंग लेकर स्थाई कमीशन अधिकारियों के तौर पर नियुक्त हो सकेंगी। जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस एमएम सुंद्रेश की पीठ ने केंद्र के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि बहुत अच्छा है कि सरकार और रक्षा प्रमुखों ने अपने तौर पर ही ये निर्णय ले लिया है।

इस मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एसके कौल की बेंच ने बेहद खुशी जताई। कोर्ट का कहना है कि वह चाहती है कि रक्षा बल लैंगिक समानता के प्रति अधिक सक्रिय दृष्टिकोण अपनाएं। बजाय इसके कि अदालत उन्हें ऐसा करने का निर्देश दे। इस मामले की अगली सुनवाई सुप्रीम कोर्ट 22 सितंबर को करेगा। इससे पहले कोर्ट ने 17 अगस्त की सुनवाई के दौरान ही महिलाओं को नेशनल डिफेंस एकेडमी की परीक्षा में बैठने की परमीशन दे दी थी। यह आदेश इसी साल 5 सितंबर को होने वाली एनडीए की परीक्षा से लागू हो चुका है।