रायपुर। छत्तीसगढ़ में स्टील मग खरीदने का एक मामला सुर्खियों है। दरअसल, कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि राज्य की बलौदा बाजार के आदिवासी छात्रावास में 52 लाख रुपये में स्टील के 160 जग खरीदे गए। यानी कि एक जग के लिए 32,500 रुपये का बिल बना जबकि ये जग मार्केट में 300 रुपए तक मिल जाते हैं।
कांग्रेस ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा है कि 'यह वर्ल्ड कप नहीं, विष्णुदेव का ‘स्टील जग’ है। एक स्टील के जग की कीमत 32,000 रुपये और 160 नग की खरीदी 51,00,000 रुपये है। बेशर्मों ने आदिवासी बच्चों के पैसे को भी नहीं छोड़ा। पार्टी ने एक अन्य ट्वीट में लिखा है कि 'यह स्टील का जग है या सोने का? आदिवासी बच्चों के मग्गे में भी जनजातीय सीएम का कमिशन, एक जग की कीमत 32 हजार, 160 नग की खरीदी 51 लाख में..पियो पानी।
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कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि अच्छा है, छात्रावास आदिवासियों का है, मुख्यमंत्री भी आदिवासी हैं। अब सरकार का तो भगवान ही मालिक है। 32 हजार रुपये में एक जग खरीदा जा रहा है क्या यह कोई जादुई जग है? सोने या तांबे का जग है ? इसलिए हम कह रहे हैं कि इस सरकार में भ्रष्टाचार चरम पर है। जिम्मेदार कौन है? पूरे प्रदेश के आदिवासी छात्रावासों की जांच होनी चाहिए।
दूसरी ओर सहायक आयुक्त आदिवासी विकास सूरजदास मानिकपुरी का कहना है कि तत्कालीन सहायक आयुक्त संजय कुर्रे ने जिले के छात्रावासों के लिए जेम पोर्टल के माध्यम से 160 नग वाटर जग खरीदी के लिए प्रस्तावित किया गया था, लेकिन दर अधिक होने के कारण विभाग ने प्रस्ताव फरवरी 2025 में ही निरस्त कर दिया है। यानी उन्होंने कहा कि ये महज प्रस्ताव था, कोई पेमेंट नहीं किया गया।