रायपुर। कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ ने स्वच्छता के मामले में एक बार फिर देशभर में अपना परचम लहराया है। स्वछता सर्वेक्षण 2021 में छत्तीसगढ़ को देश का सबसे स्वच्छ राज्य घोषित किया गया है। छत्तीसगढ़ वासियों में इस उपलब्धि को लेकर जश्न का माहौल है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसे अभिमान की बात करार देते हुए कहा है तालियां रुकनी नहीं चाहिए।



राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद आज स्वच्छता पुरस्कार वितरित कर रहे हैं। खास बात ये है कि देशभर में स्वच्छता को लेकर कुल 239 पुरस्कार दिए गए। इनमें अकेले छत्तीसगढ़ को 67 पुरस्कार मिले हैं। यह लगातार तीसरी बार है जब छत्तीसगढ़ देश का सबसे स्वच्छ राज्य घोषित हुआ है। सीएम बघेल के कार्यकाल में छत्तीसगढ़ स्वच्छता के मामले में साल दर साल नए रिकॉर्ड स्थापित कर रहा है।





सीएम बघेल छत्तीसगढ़ की इस उपलब्धि से बेहद खुश हैं। उन्होंने एक ट्वीट में लिखा है कि तालियां रुकनी नहीं चाहिए। बघेल ने ट्वीट किया, 'यह अवार्ड समर्पित है उन सब लोगों को जिनके कारण यह संभव हो पाया। हमारी स्वच्छता दीदी, सफाई व्यवस्था से जुड़े सभी लोग, शासन और प्रशासन के प्रतिनिधि और हमारे प्रदेश की स्वच्छता प्रेमी महान जनता। हमारे लिए गौरव का दिन।



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बघेल ने एक अन्य ट्वीट में लिखा है कि बात है अभिमान की। इसके साथ वह राजधानी दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में राष्ट्रपति के हाथों छत्तीसगढ़ को सबसे स्वच्छ राज्य होने का अवार्ड ले रहे हैं। निश्चित ही छत्तीसगढ़ के लोगों के लिए यह गौरव का क्षण है। क्योंकि जिस छत्तीसगढ़ की पहचान अबतक नक्सली हिंसा, गरीबी और पिछड़ेपन की थी, उस राज्य ने देश के सभी बड़े और समृद्ध राज्यों को पछाड़कर स्वच्छता में लगातार तीसरी बार पताका लहराया है। 





सीएम बघेल ने इस मौके पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को याद किया है। सीएम बघेल ने एक ट्वीट में लिखा है कि बापू कहते थे, "स्वच्छता को अपने आचरण में इस तरह अपना लो कि वह आपकी आदत बन जाए।" छत्तीसगढ़वासियों की यही आदत हमें लगातार तीसरी बार स्वच्छतम राज्य बनाती है। छत्तीसगढ़ नंबर वन।





बता दें कि छत्तीसगढ़ देश का ऐसा एक मात्र प्रदेश है जहां नरवा, गरूवा, घुरवा एवं बाड़ी के सिद्धांतों के अनुरूप तकरीबन 10 हजार स्वच्छता दीदियों द्वारा घर-घर से हर दिन करीब 16 सौ टन गीला एवं सूखा कचरा एकत्र करते हुए वैज्ञानिक तरीके से कचरे का निपटान किया जा रहा है। यहां के गांवों में 7500 से अधिक गौठान हैं जिनमें 5 हजार स्वयं सहायता समूहों की 70 हजार महिलाएं विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से पर्यावरण को बेहतर बनाने में जुटी हुई हैं। 



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भूपेश बघेल सरकार ने प्रदेश में 6-R पॉलिसी को अपनाया है। इस 6-R पॉलिसी के तहत रीथिंक, रियूज, रिसाइकिल, रिपेयर, रिड्यूस और रिफ्यूज के आधार पर काम किया जा रहा है। प्रदेश ने सिंगल यूज प्लास्टिक को बैन करने में भी अभूतपूर्व सफलता हासिल की है। इन प्रयासों का ही नतीजा है कि साल 2019, 2020 के बाद अब इस साल भी छत्तीसगढ़ को शीर्ष स्थान पाने में सफलता प्राप्त हुई है।