रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में पेट्रोल डीजल के बढ़ते दामों के खिलाफ अनोखा विरोध प्रदर्शन देखने को मिला है। यहां कांग्रेस विधायक विकास उपाध्याय ने पेट्रोल पंप पर जाकर अपनी गाड़ी का टैंक फुल करवाने वालों की आरती उतारी। कांग्रेस विधायक बाकायदा आरती की थाली सजाकर पेट्रोल पंप पहुंचे और उन लोगों को ढूंढा जो इस महंगाई में भी टंकी फुल करवाने का साहस कर रहे हैं। उन्होंने ऐसे लोगों की आरती उतारकर सम्मानित किया। साथ ही पेट्रोल भरवाने आए बाकी लोगों को फूल देकर सम्मानित किया।

विकास उपाध्याय ने इस दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि, 'बढ़ती कीमतों के बाद भी कामकाज के लिए गाड़ियों में तेल भरवाना लोगों की मजबूरी है। हमने आरती की थाली लेकर ऐसे लोगों को खोजने की कोशिश की जो अब भी टंकी फुल करवा रहे हैं। पचासों लोगों में इक्का-दुक्का लोग ऐसे मिले जो टंकी फुल करवा रहे थे। हमने उनकी आरती उतारी।' कांग्रेस नेता ने मौजूदा केंद्र सरकार की तुलना मनमोहन सिंह सरकार से करते हुए प्रधानमंत्री मोदी पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, 'आज अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 63 डॉलर प्रति बैरल है। तब भी पेट्रोल की कीमत 100 रुपए लीटर तक पहुंच गयी है। मनमोहन सिंह की सरकार के वक्त क्रूड ऑयल की अंतरराष्ट्रीय कीमत 120 डॉलर प्रति बैरल तक चली गयी थी। तब भी भारत में तेल इतना महंगा नहीं हुआ था, जितना आज है।' उन्होंने पूछा है कि क्या यह पिछली सरकार की विफलता है?

कांग्रेस विधायक ने पेट्रोल-डीजल की बढ़ती दामों के पीछे केंद्र सरकार द्वारा लगाए गए भारी-भरकम टैक्स को मुख्य कारण बताते हुए पीएम मोदी पर देश के सामने झूठ बोलने का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा, 'साल 2013 तक पेट्रोल पर केंद्र और राज्यों के टैक्स मिलाकर करीब 44 प्रतिशत तक होता था। अब यह टैक्स 100-110 प्रतिशत तक कर दिया गया है। भाजपा के 7 साल के शासन काल में जिस तरह से पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस के दामों में बढ़ोतरी हुई है, वैसा आजादी के बाद पहले कभी नहीं हुआ।

पीएम केयर्स और विदेशी कर्ज का हिसाब दें मोदी : कांग्रेस

कांग्रेस विधायक विकास उपाध्याय ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके पीएम मोदी से पीएम केयर्स फंड और विदेशी कर्जों का हिसाब भी मांगा। उन्होंने कहा, '27 मार्च 2020 को पीएम केयर्स का गठन किया गया। पीएम की अपील पर उद्योगपतियों, सेलिब्रिटीज, कंपनियों और आम आदमी ने इसमें अपना योगदान दिया। अब तक इसमें 200 अरब रुपए हो चुके होंगे। आखिर इस पैसे का हिसाब कौन देगा। 19 जून को केंद्र सरकार ने चीन से 9200 करोड़ रुपए कर्ज लिए वह पैसा कहां गया।'

कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि, 'देश का 265 टन सोना गिरवी रखा गया। विश्व बैंक से 1 अरब डॉलर और एशियाई विकास बैंक से डेढ़ अरब डॉलर का कर्ज लिया गया। सरकारी कर्मचारियों के TA-DA से 75 हजार करोड़ रुपए काटे तो सांसद और विधायकों के वेतन में 30 प्रतिशत की कटौती हुई। इन सब के पैसे कहां गए। देश में वित्तीय घाटे की भरपाई के नाम पर तेल पर भारी टैक्स की कमाई के जरिए 20- 25 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की रकम खजाने में जमा हुई, वो कहां कई।'  उन्होंने कहा कि देश के हालात इतने खतरनाक हो गए हैं कि केंद्र सरकार के खिलाफ एक बड़ा जन आंदोलन करना जरूरी हो गया है।