शिवपुरी। मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के पोहरी कृषि उपज मंडी में शुक्रवार को खाद वितरण में फैली अव्यवस्था ने प्रशासन की तैयारियों की पोल खोल दी। हालात का वास्तविक जायजा लेने के लिए पोहरी विधायक कैलाश कुशवाहा खुद किसान बनकर मंडी पहुंचे। उन्होंने हेलमेट पहनकर करीब एक घंटे तक लाइन में खड़े रहकर टोकन वितरण की स्थिति देखी और किसानों की परेशानी का प्रत्यक्ष अनुभव किया।

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विधायक कैलाश कुशवाहा ने बताया कि सुबह से ही किसान खाद लेने के लिए लाइन में खड़े थे लेकिन वहां न तो पुलिस बल मौजूद था और न ही कोई जिम्मेदार अधिकारी जैसे तहसीलदार या एसडीएम। किसानों को घंटों धूप में खड़ा रहना पड़ा जहां न पेयजल की व्यवस्था थी और ना ही उचित अनुशासन। कई जगहों पर धक्का-मुक्की के कारण अफरा-तफरी का माहौल बन गया और कुछ किसान घायल भी हो गए थे।

उन्होंने आरोप लगाया कि पटवारी चेहरा देखकर टोकन बांट रहे थे। जिससे असली किसानों को खाद का कूपन नहीं मिल पा रहा था। कई किसानों को सुबह से लेकर 10:30 बजे तक इंतजार के बाद भी टोकन नहीं मिला। जबकि, कुछ लोगों को पहले से ही कूपन दे दिए गए थे। कुशवाहा ने यह भी कहा कि मंडी में खाद की कालाबाजारी हो रही है और कुछ दुकानदार निर्धारित दर से अधिक दाम पर बिक्री कर रहे हैं।

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विधायक ने मौके से ही कलेक्टर को फोन कर अव्यवस्था की जानकारी दी और कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि शासन-प्रशासन को किसानों की परेशानी की कोई परवाह नहीं है। जबकि, अधिकारी सिर्फ दिखावटी निरीक्षण तक सीमित हैं। कुशवाह ने बताया कि उन्होंने खुद देखा कि लाइन में एक घंटे तक खड़े रहने के बावजूद वे सिर्फ तीन-चार फीट ही आगे बढ़ पाए, जिससे साफ होता है कि किसानों को समय पर खाद मिलना लगभग असंभव है।

उन्होंने आगे बताया कि मौके पर पहुंचने के बाद टीआई और एसडीएम दोनों ने जिम्मेदारी एक-दूसरे पर डाल दी। टीआई ने कहा कि उन्हें सूचना ही नहीं मिली थी। जबकि, एसडीएम का कहना था कि उन्होंने तहसीलदार को सूचना देने के लिए कहा था। विधायक ने इस पर नाराजगी जताते हुए कहा कि ऐसी लापरवाही किसानों के साथ अन्याय है।

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स्थिति बिगड़ती देख विधायक ने खुद टीआई पोहरी को फोन कर मौके पर बुलाया। पुलिस पहुंचने के बाद ही भीड़ पर नियंत्रण पाया गया। कुशवाहा ने सुझाव दिया कि भीड़ कम करने के लिए चार अलग-अलग काउंटर लगाए जाएं ताकि किसानों को सुविधा मिल सके और धक्का-मुक्की की स्थिति दोबारा न बने।

वहीं, एसडीएम अनुपम शर्मा ने माना कि पुलिस बल की अनुपस्थिति के कारण थोड़ी अव्यवस्था हुई थी लेकिन अब हालात नियंत्रण में हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि आगामी दिनों में बेहतर व्यवस्था की जाएगी और जिन किसानों को टोकन नहीं मिला है। उन्हें बाद में प्राथमिकता से वितरित किया जाएगा।