नई दिल्ली। 
भारत सरकार ने शनिवार को जीवन बीमा निगम में ऑटोमैटिक रूट से 20 फीसदी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को अनुमति देने के लिए लाए गए एक संशोधन को मंजूरी दे दी है। मौजूदा एफडीआई नीति में एलआईसी में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का कोई प्रावधान नहीं है। इस संशोधन को मंजूरी देने के साथ ही एलआईसी के लिए एफडीआई की सींमा अब सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के बराबर कर दी गई है। हालाँकि सरकार ने पिछले साल ही बीमा क्षेत्र में एफडीआई की सीमा 49 फीसदी से बढ़ाकर 74 फीसदी कर दिया था लेकिन इसमें एलआईसी को शामिल नहीं किया गया था।  
गौरतलब है कि इससे पहले सरकार एलआईसी का आईपीओ लाने की बात कह चुकी है। हालाँकि एलआईसी का आईपीओ आने से पहले ही सरकार ने इसमें 20 फीसदी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को मंजूरी दे दी। एलआईसी के आईपीओ के भारतीय पूंजी बाजार में अब तक का सबसे बड़ा पब्लिक इशू होने की उम्मीद है। 
सरकार को वित्त वर्ष 2022 के लिए अपने 78 हजार करोड़ रुपए के विनिवेश लक्ष्य को पूरा करने के लिए एलआईसी के प्रस्तावित शेयरों की बिक्री से 63 हजार से 66 हजार करोड़ रुपए जुटने की उम्मीद है। हालाँकि एलआईसी ने अब तक आईपीओ के कीमत की घोषणा नहीं की है। जबकि बाजार के अनुमान के मुताबिक आईपीओ के 2000 से 2100 रुपए प्रति शेयर होने की सम्भावना है। 
सरकार के एलआईसी में 20 फीसदी एफडीआई को मंजूरी देने से एलआईसी के आईपीओ में भाग लेने के इच्छुक विदेशी निवेशकों को फायदा होगा। साथ ही इस बदलाव से एलआईसी और उसके जैसी अन्य कॉर्पोरेट इकाइयों में एफडीआई की सुविधा होगी।