नई दिल्ली। आईटी क्षेत्र की बड़ी कंपनी एक्सेंचर वैश्विक स्तर पर कंपनी में काम करने वाले पांच प्रतिशत लोगों की निकालने वाली है। इसके तहत कंपनी के करीब 25,000 लोग अपनी नौकरी खो देंगे। बताया जा रहा है कि कंपनी भारत में भी बड़ी संख्या में लोगों को निकालने की योजना बना रही है। सबसे पहले यह खबर ऑस्ट्रेलिया के आर्थिक अखबार फाइनेंसियल रिव्यू में सामने आई थी, जिसने कंपनी की सीईओ जूली स्वीट की एक स्टाफ मीटिंग का हवाला देकर यह रिपोर्ट सामने रखी थी। 

एक्सेंचर कंपनी में पूरी दुनिया के करीब पांच लाख लोग काम करते हैं। इसमें से दो लाख लोग अकेले भारत से ही हैं। ऐसे में यह आशंका जताई जा रही है कि निकाले जाने वाले लोगों में भारतीय कर्मचारियों का हिस्सा ज्यादा होगा। भारत से करीब 10 हजार कर्मचारी निकाले जा सकते हैं। 

बताया जा रहा है कि कंपनी की सीईओ ने स्टाफ मीटिंग में कहा कि बहुत से कॉन्ट्रैक्ट रद्द कर देने और नई भर्तियों पर रोक लगा देने के बाद भी उन्हें कर्मचारियों को निकालने पर मजबूर होना पड़ रहा है। 

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सबसे पहले एक्सेंचर कंपनी से छंटनी की खबर को ब्रिटिश अखबार द गार्जियन ने रिपोर्ट किया था। तब कंपनी ने यूके में 900 कर्मचारियों को निकाल दिया था। कंपनी के इस कदम पर प्रतिक्रिया देते हुए भारत में एक्सेंचर के एक प्रवक्ता ने मीडिया पोर्टल लाइव मिंट से कहा था कि कंपनी इसके अलावा किसी और कर्मचारी की छुट्टी नहीं करने जा रही है। 

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हालांकि, एक्सेंचर एकमात्र आईटी कंपनी नहीं है जो अपने कर्मचारियों को निकालने की योजना बना रही है। हाल ही में कॉग्निजेंट और आईबीएम ने भी अपने यहां कर्मचारियों की छुट्टी की है। इन कदमों से कई भारतीय भी बेरोजगार हुए हैं।