जबलपुर। कर्नल सोफिया कुरैशी पर मध्य प्रदेश के मंत्री के विवादित बयान पर दर्ज FIR की भाषा पर हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई है। हाईकोर्ट की डबल बेंच ने गुरुवार को मंत्री विजय शाह के खिलाफ FIR को सिर्फ खाना पूर्ति बताया है। हाईकोर्ट ने कहा कि अब इस पुलिस जांच की निगरानी कोर्ट करेगी। जांच किसी दबाव में प्रभावित ना हो इसलिए ऐसा करना जरूरी है।
मध्य प्रदेश सरकार के महाधिवक्ता प्रशांत सिंह ने कोर्ट को बताया कि कोर्ट के आदेश पर बुधवार शाम 7:55 बजे इंदौर के मानपुर थाने में विजय शाह के खिलाफ FIR दर्ज कर दी गई। जांच पुलिस कर रही है। इसपर जस्टिस अतुल श्रीधरन ने कहा कि यह किसी हत्या की जांच नहीं है, बल्कि एक आपत्तिजनक भाषण से जुड़ा मामला है। ऐसे में इसमें लंबी जांच की आवश्यकता नहीं है।
उधर, सुप्रीम कोर्ट ने मंत्री विजय शाह की याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि आप हाईकोर्ट क्यों नहीं गए। आप किस तरह के बयान दे रहे हैं? देखना चाहिए कि कैसे हालात हैं? आप जिम्मेदार पद पर हैं, जिम्मेदारी निभानी चाहिए।
बता दें कि मंत्री विजय शाह ने कर्नल सोफिया कुरैशी पर विवादित बयान दिया था। उन्हें आतंकियों की बहन बताया था। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने बुधवार को खुद यह केस उठाया। जबलपुर हाईकोर्ट के जस्टिस अतुल श्रीधरन और जस्टिस अनुराधा शुक्ला की बेंच ने डीजीपी को मंत्री शाह पर एफआईआर के निर्देश दिए थे।
हाईकोर्ट ने कहा था कि भारत की एकता अखंडता को खतरे में डालने का अपराध दर्ज करें। अगर FIR दर्ज नहीं की गई तो डीजीपी पर कोर्ट की अवमानना की कार्रवाई होगी। मंत्री विजय शाह का बयान सांप्रदायिकता को बढ़ाने वाला है।