नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक ने 14 अगस्त को दिल्ली हाई कोर्ट से कहा कि पंजाब एंड महाराष्ट्र कोओपरेटिव बैंक (पीएमसी) की नकदी हालत ठीक नहीं होने के चलते के खाताधारकों की एक लाख रुपये की निकासी सीमा नहीं बढ़ायी जा सकती है। रिजर्व बैंक ने पीएमसी बैंक में घोटाला सामने के बाद खाताधारकों के निकासी की सीमा तय कर दी थी। वर्तमान में यह एक लाख रुपये है।

केंद्रीय बैंक ने मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायाधीश प्रतीक जालान की पीठ को बताया कि 26 मार्च 2020 तक बैंक के ऊपर करीब 10,000 करोड़ रुपये की देनदारी थी। जबकि बैंक के पास वर्तमान में करीब 2,955.73 करोड़ रुपये नकदी उपलब्ध है। ऐसे में बैंक के पास पूरा भुगतान करने के लिए पर्याप्त राशि नहीं है।

रिजर्व बैंक ने यह भी बताया कि प्रत्येक खाताधारक को पांच लाख रुपये का इंश्योंरेंस दिया गया है। यह तभी लागू होगा जब बैंक का लाइसेंस रद्द हो जाएगा, जिसकी आशंकाएं कम हैं।

आरबीआई ने यह भी बताया कि कोर्ट के दिशा निर्देशों के मुताबिक उसने खाताधारकों के आपातकाल की परिस्थित जैसे कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियों के इलाज के लिए पांच लाख रुपये तक निकालने की अनुमति दी है। कोरोना के इलाज को भी इस लिस्ट में शामिल किया गया है। अब इस मामले पर अगली सुनवाई 21 अगस्त को होनी है।

पिछले साल 4,355 करोड़ का घोटाला सामने आने के बाद रिजर्व बैंक ने पीएमसी बैंक पर प्रतिबंध लगा दिए थे, जिससे बैंक के खाताधारकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बैंक से निकासी की एक लाख रुपये की सीमा को पांच लाख रुपये तक बढ़ाने के लिए याचिका डाली गई है। दिल्ली हाई कोर्ट में इसी याचिका पर सुनवाई चल रही है।