ग्वालियर| शहर के पटेल नगर स्थित क्वालिटी रेस्टोरेंट में रविवार रात उस वक्त हंगामा हो गया जब लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा राज्यमंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल को बैठने के लिए टेबल नहीं मिली। बताया जा रहा है कि मंत्री जी को रेस्टोरेंट में पहचान नहीं पाया गया और स्टाफ ने उन्हें इंतजार करने के लिए कह दिया, जिससे वे नाराज हो गए। इसके बाद उन्होंने होटल में गंदगी की बात कहते हुए फूड सेफ्टी विभाग की टीम बुला ली, जिसने रात करीब सवा 11 बजे तक किचन से तेल, पनीर और मावा सहित पांच खाद्य सामग्री के सैंपल लिए।

मामले की जानकारी मिलते ही भाजपा के जिला अध्यक्ष जयप्रकाश राजौरिया, मीडिया प्रभारी और पुलिस अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए। मंत्री को अंततः टेबल मिल गई और मामला सुलझ गया। हालांकि कांग्रेस ने इस घटना को सत्ता का घमंड बताते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर मंत्री की आलोचना की। पार्टी प्रवक्ता शैलेंद्र पटेल ने तंज कसते हुए कहा कि मुख्यमंत्री को मंत्री पटेल को इंस्पेक्टर बना देना चाहिए क्योंकि वे अक्सर अस्पताल, एम्बुलेंस और रेत की जांच करते नजर आते हैं।

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वहीं होटल संचालक कमल अरोरा का आरोप है कि मंत्री के पीएसओ और समर्थकों ने स्टाफ से धक्कामुक्की की। उन्होंने बताया कि पहले से फोन पर टेबल बुकिंग को लेकर भ्रम की स्थिति थी, जिसके कारण स्टाफ ने पूछताछ की तो मंत्री जी नाराज हो गए। इस विवाद के बाद चेंबर ऑफ कॉमर्स और अन्य व्यापारिक संगठनों के प्रतिनिधि मौके पर पहुंचे और इसे तानाशाही करार देते हुए मंत्री को बर्खास्त करने की मांग की। वहीं मंत्री पटेल ने इसे निरीक्षण का हिस्सा बताते हुए कहा कि स्टाफ ने उनके साथ बदतमीजी की और यदि मंत्री से ऐसा व्यवहार हो सकता है, तो आम कर्मचारियों के साथ क्या होता होगा, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।

भाजपा सूत्रों के मुताबिक, प्रदेश नेतृत्व ने इस पूरे प्रकरण की रिपोर्ट मांगी है और केंद्रीय नेतृत्व भी मंत्री के विवादों को लेकर गंभीर है। जल्द ही कोई ठोस कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है।