नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी का असर दुनिया के लगभग हर देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ा है। बस चीन की अर्थव्यवस्था ही अप्रैल-जून तिमाही में 3.2 प्रतिशत से बढ़ी है। भारत की अर्थव्यवस्था को कोरोना ने बेदम कर दिया है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारत की आर्थिक वृद्धि दर में 23.9 फीसदी की भारी गिरावट आई है। यह गिरावट पिछले 40 वर्षों में सर्वाधिक है। जीडीपी में इस भारी गिरावट की एक वजह केंद्र सरकार द्वारा बिना किसी योजना के लगाए गए कड़े लॉकडाउन को बताया जा रहा है।

दूसरी तरफ सरकार और उसके समर्थक आर्थिक संकट को कम करके दिखाने के लिए विश्व के दूसरे देशों की अर्थव्यवस्था में आई कमी को अपना हथियार बना रहे हैं। साथ ही साथ दूसरे देशों की आर्थिक वृद्धि दर में आई कमी के आंकड़ों को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है। इसका एक उदाहरण अमेरिकी अर्थव्यवस्था के आंकड़े हैं।

अमेरिका में अप्रैल-जून तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर में 9.1 प्रतिशत की कमी आई है। लेकिन सरकार के समर्थक और सरकार की पैरवी करने वाले मीडिया चैनल इसे 32 प्रतिशत दिखा रहे हैं। इस तरह से एक भ्रम की स्थिति भी पैदा हो गई है।

दरअसल, अमेरिका की अर्थव्यवस्था में अप्रैल-जून तिमाही में 9.1 फीसदी की ही कमी आई है। अमेरिका और भारत में आर्थिक वृद्धि दर मापने का तरीका अलग है। अमेरिका में जहां यह तिमाही के स्तर पर आंका जाता है, वहीं भारत में वार्षिक स्तर पर।

इसे ऐसे समझिए। अमेरिका में जहां अप्रैल जून तिमाही की आर्थिक वृद्धि दर उससे पहले वाली तिमाही यानी जनवरी मार्च के आधार पर मापी गई है, वहीं भारत में चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही की आर्थिक वृद्धि पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही के आधार पर मापी गई है। अमेरिका में तिमाही के स्तर पर मापी जाने वाली आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान के आधार पर वार्षिकीकरण कर दिया जाता है। 

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मान लीजिए कि जनवरी-मार्च तिमाही में अमेरिका अर्थव्यवस्था का आाकार 100 डॉलर था। अप्रैल -जून तिमाही में ये 9.1 प्रतिशत घटकर 90.9 डॉलर हो गई। अब अनुमान के आधार पर वार्षिकीकरण करने के लिए हम मान लेते हैं कि अमेरिका अर्थव्यवस्था आगे की तीन तिमाहियों में इसी दर से घटेगी। इस तरह से जुलाई-सितंबर तिमाही में अर्थव्यवस्था घटकर 82.63 डॉलर हो जाएगी। अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में और 9.1 प्रतिशत घटकर 75.11 डॉलर और फिर अगली जनवरी-मार्च तिहाही में घटकर 68.27 डॉलर रह जाएगी। 

इस तरह हम देखेंगे कि अनुमानित तौर पर अर्थव्यवस्था वृद्धि दर में 32 प्रतिशत की कमी आई। अमेरिका में इसी तरीके से आर्थिक वृद्धि दर के आंकड़े दिए जाते हैं। भारत में ये तरीका अलग है। अगर भारतीय नजरिए से देखेंगे तो अमेरिकी अर्थव्यवस्था में अप्रैल-जून तिमाही में 9.1 प्रतिशत की ही कमी आई है।