India's GDP: कोरोना से पहले ही खराब हो रही थी भारतीय अर्थव्यवस्था

Economic Recession: कोरोना से पहले भारत की जीडीपी में आई थी 11 साल की सर्वाधिक कमी, रिकॉर्ड स्तर पर थी बेरोजगारी, घट रहा था राजस्व संग्रह

Updated: Oct 20, 2020, 07:19 PM IST

नई दिल्ली। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था में 23.9 फीसदी की ऐतिहासिक गिरावट आई है। पिछले चालीस सालों में अर्थव्यवस्था का यह सबसे बुरा दौर है। बताया जा रहा है कि कोरोना वायरस महामारी के कारण यह आर्थिक तबाई आई है। लेकिन आंकड़े बताते हैं कि कोरोना वायरस महामारी से पहले ही भारतीय अर्थव्यवस्था नीचे जा रहे थे।

अंग्रेजी अखबार द हिंदू के एक विश्लेषण में पाया गया है कि कोरोना वायरस महामारी से पहले ही औद्योगिक उत्पादन में उल्लेखनीय गिरावट और पॉवर की डिमांड में भारी कमी थी। कोरोना वायरस महामारी से ठीक पहले पिछले वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर घटकर 3.1 प्रतिशत रह गई थी। यह पिछले 11 साल में सबसे धीमी आर्थिक वृद्धि दर रही। दरअसल, वित्त वर्ष 2016-17 की आखिरी तिमाही से ही अर्थव्यवस्था में नरमी आने लगी थी। तब से यह जारी है। 

इसी तरह लॉकडाउन लगाए जाने से पहले औद्योगिक गतिविधियों में भी लगातार कमी दर्ज की जा रही थी। भारतीय अर्थव्यवस्था के आठ बुनियादी उद्योगों का उत्पादन लगातार घट रहा था। 2019 के लोकसभा चुनावों के ठीक पहले पता चला था कि भारत में बेरोजगारी दर पिछले 45 साल के सर्वाधिक स्तर पर है, जो अपने आप में खराब आर्थिक हालात की कहानी बयान करता है। 

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वहीं कर संग्रह में भी पिछले साल दिसंबर में 19.8 प्रतिशत की कमी आई थी। वहीं 2019 की शुरुआत से ही जीएसटी संग्रह में भी कमी आ रही है। हलांकि, पिछले साल के अंत में इसमें थोड़ा सुधार आया था। इस वजह से सरकार द्वारा राज्यों को जीएसटी मुआवजा देने में भी कमी करनी पड़ी। 

आर्थिक गतिविधियों का एक बड़ा पैमाना ऊर्जा की खपत होता है। अक्टूबर 2019 में इसमें 13.2 प्रतिशत की गिरावट देखी गई। यह पिछले 154 महीनों की सबसे बड़ी गिरावट रही।