नई दिल्ली। लोकप्रिय इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप वॉट्सऐप (WhatsApp) की नई प्राइवेसी पॉलिसी को अब दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। दरअसल, WhatsApp ने इसी महीने अपनी प्राइवेसी पॉलिसी में अहम बदलाव किए हैं, जिसके बाद से ही ये मसला चर्चा में है। आरोप है कि नई प्राइवेसी पॉलिसी के तहत वॉट्सऐप के यूज़र का डेटा फेसबुक और इंस्टाग्राम के साथ शेयर किया जाएगा। इसका चौतरफा विरोध हो रहा है।

अब तक यह विरोध मीडिया के जरिये हो रहा था और लोगों के बड़े पैमाने पर वॉट्सऐप को अन-इंस्टाल करके टेलिग्राम या सिग्नल जैसे दूसरे ऐप इस्तेमाल करने की खबरें आ रही थीं। लेकिन अब यह मामला अदालत की चौखट तक जा पहुंचा है। वॉट्सऐप की नई प्राइवेसी पॉलिसी के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई है, जिसमें कहा गया है कि वॉट्सऐप को लोगों का डेटा शेयर नहीं करने दिया जाना चाहिए।

याचिका में कहा गया है कि नई प्राइवेसी पॉलिसी के तहत वॉट्सऐप को अधिकार है कि वह किसी भी व्यक्ति की गतिविधियों को वर्चुअल तौर पर मॉनीटर कर सकती है। याचिका में कहा गया है कि कंपनी की यह पॉलिसी किसी भी व्यक्ति के राइट टू प्राइवेसी का उल्लंघन है। वकील चैतन्य रोहिल्ला की तरफ़ से दायर याचिका में कहा गया है कि वॉट्सऐप और फ़ेसबुक जैसी कंपनियां पहले से ही ग़ैरक़ानूनी तरीक़े से यूज़र्स का डेटा थर्ड पार्टी के साथ शेयर करती हैं। नई पॉलिसी से लोगों के डेटा की चोरी और बढ़ जाएगी। याचिका में वॉट्सऐप की नई प्राइवेसी पॉलिसी पर फ़ौरन रोक लगाने के साथ ही साथ यह माँग भी की गई है कि अदालत जनता की प्राइवेसी की सुरक्षा के लिए गाइडलाइन्स जारी करने का निर्देश सरकार को दे।

क्या है पूरा विवाद

5 जनवरी को WhatsApp ने अपनी प्राइवेसी पॉलिसी में बदलाव की घोषणा किया। जिसके बाद से ही करोड़ों यूजर्स के ऐप पर एक नोटिफिकेशन आ हो रहा है, जिसमें नई प्राइवेसी पॉलिसी को स्वीकार करने को कहा जा रहा है।

इस नई प्राइवेसी पॉलिसी में बताया गया है कि वॉट्सऐप आपके डेटा का इस्तेमाल किस तरह से करेगा और किनके साथ शेयर करने जा रहा है। यह भी बताया गया है कि यूज़र का कौन सा डेटा शेयर किया जाएगा। फिलहाल इस नोटिफिकेशन में अभी नहीं (Not Now) का ऑप्शन आ रहा है, लेकिन 8 फरवरी के बाद ये विकल्प बंद हो जाएगा और अगर आप इस पॉलिसी को स्वीकार नहीं करते हैं तो आपको WhatsApp छोड़ना होगा।

प्राइवेसी पॉलिसी पर वॉट्सऐप की सफाई

तमाम आलोचनाओं के बाद वॉट्सऐप ने अपनी विवादित पॉलिसी को लेकर सफाई भी दी है। जिसमें कहा गया है कि यूज़र्स का डेटा पहले की तरह ही “एंड-टू-एंड इनक्रिप्शन के ज़रिये सुरक्षित रहेगा।’’ वॉट्सऐप ने यह भी कहा है कि यूज़र के पर्सनल मैसेजेज़ को देखा नहीं जा सकता है और न ही कॉल्स को सुना जा सकता है। इन सफ़ाइयों के बावजूद लोगों के मन से आशंकाएँ दूर नहीं हो रही हैं और यूज़र्स बड़ी तादाद में वॉट्सऐप छोड़ रहे हैं या ऐसा करने के बारे में सोच रहे हैं।