भोपाल। मध्य प्रदेश के किसानों को खेती के लिए ख़राब बीज मिलने का असर सोयाबीन की खेती पर पड़ रहा है। प्रदेश में सोयाबीन का उत्पादन लगातार घटता जा रहा है। प्रदेश में एक तरफ जहाँ फसल में लगने वाली किसानों की लागत में लगातार वृद्धि हो रही है तो वहीं सोयाबीन का उत्पादन लगातार घटता जा रहा है।

सोयाबीन के उत्पादन में लगातार आ रही कमी को देखते हुए किसान कांग्रेस ने कृषि विभाग को इस मसले पर पत्र भी लिखा है तथा इस समस्या को संज्ञान में लेकर जल्द ही इसके निराकरण को लेकर कदम उठाने की मांग भी की है।

सोयाबीन का उत्पादन कम क्यों हो रहा है ? 
किसान कांग्रेस का कहना है कि प्रदेश में सोयाबीन के उत्पादन में कमी का सबसे बड़ा कारण प्रदेश की बीज प्रमाणीकरण संस्था है। संस्था द्वारा बरती जा रही लापरवाहियों के कारण ही प्रदेश में सोयाबीन की खेती में लगातार गिरावट आ रही है।किसान कांग्रेस का कहना है कि बीज प्रामाणिक संस्था की लापरवाहियों के कारण  कागज़ पर बीज उत्पादन तो है लेकिन खेतों में फसल नहीं है। किसान कांग्रेस का कहना है कि बीज उत्पादक किसानों की बजाय मंडियों से बीज की खरीदी कर रहे हैं। किसान संगठन का आरोप है कि बीज नमूनों के सैम्पल और बिक्री की जाने वाली बीज की गुणवत्ता में ख़ासा अंतर रहता है।किसान कांग्रेस संगठन के अनुसार किसानों को ख़राब बीज उपलब्ध होने के कारण फसल के उत्पादन पर 20 से 40 प्रतिशत तक की कमी आ रही है। जिस वजह से खेती कम हो रही है और किसानों का घाटा ज़्यादा हो रहा है।

इसके साथ ही किसान संगठन का कहना है कि किसानों के खातों में उपार्जित फसल की शत प्रतिशत राशि भी भुगतान नहीं की जा रही है। इन सभी कारणों से प्रदेश में सोयाबीन की खेती पर प्रभाव पड़ रहा है।  किसान कांग्रेस के अध्यक्ष केदार सिरोही के मुताबिक़ उनकी जानकारी में तकरीबन 50 फीसदी किसान ऐसे हैं जिन्हें लम्बे समय से बीज उत्पादन करने के बावजूद बीज की सही जानकारी नहीं है। सिरोही का कहना है कि ऐसा बीज प्रामाणिक संस्था की लापरवाही और नियम अंतर्गत कार्य न करने की वजह से हो रहा है। सिरोही ने कृषि विभाग को पत्र लिखकर जल्द ही इस सम्बन्ध में कार्रवाई करने की मांग की है।सिरोही ने बीज उत्पादन करने वाले किसानों का ग्राम सेवकों के माध्यम से सर्वे कराने का अनुरोध किया है।

मध्य  प्रदेश में सोयाबीन के उत्पादन में कमी आना काफी चिंता का विषय है। यह राज्य देश भर में सोयाबीन की खेती के मामले में लम्बे समय से अव्वल रहा है। राज्य में सोयाबीन की खेती लगभग 53 लाख हेक्टेयर के क्षेत्रफल में की जाती है।देश भर में सोयाबीन के उत्पादन का 55 से 60 प्रतिशत हिस्सा मध्य प्रदेश में ही उत्पादित किया जाता है।