नई दिल्ली। टमाटर उत्पादक राज्यों के थोक बाजारों में इसके भाव में तेज़ी से गिरावट देखने को मिली है। सरकारी आंकड़े बता रहे हैं कि टमाटर के भाव चार रुपए प्रति किलो तक नीचे आ गए हैं। तीन साल की अवधि में थोक बाजारों में टमाटर के दामों में यह पचास फीसदी तक की गिरावट है।  टमाटर के दामों में गिरावट के पीछे बड़ी वजह इसके उत्पादन में हुई बढ़ोतरी को माना जा रहा है। 

मध्य प्रदेश देश का सबसे बड़ा टमाटर उत्पादक राज्य है। यहां देवास के थोक बाजार में टमाटर के दाम आठ रुपए प्रति किलो तक पहुंच गए हैं। जबकि पिछले वर्ष थोक बाजार में इसका भाव ग्यारह रुपए प्रति किलो था।

इसी तरह महाराष्ट्र के जलगांव में टमाटर के भाव 80 फीसदी तक गिर गया है। जलगांव में टमाटर के दाम चार रुपए प्रति किलो तक पहुंच चुका है। पिछले वर्ष जलगांव में टमाटर का भाव 21 रुपए प्रति किलो था। वहीं औरंगाबाद में पिछले वर्ष 9.50 रुपए प्रति किलो के मुकाबले इस वर्ष टमाटर का भाव 4.50 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गया है। महाराष्ट्र टमाटर उत्पादन के मामले में देश का छठा सबसे बड़ा राज्य है। 

कमोबेश यही स्थिति टमाटर उत्पादन के मामले में देश के चौथे सबसे बड़े राज्य कर्नाटक की भी है। कर्नाटक के कोलार में टमाटर के दाम 5.30 रुपए प्रति किलो तक आ गिरे हैं। जबकि पिछले साल यहां टमाटर की कीमतें 18.70 रुपए प्रति किलो थी।  बेंगलुरु में 30 रुपए किलो मिलनेवाला टमाटर इनदिनों आठ रुपए किलो में खरीदा जा सकता है। वहीं देश की राजधानी दिल्ली के आजादपुर मंडी में भी टमाटर का भाव 24 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गया है। पिछले वर्ष यहां टमाटर का भाव 36 रुपए प्रति किलो के करीब था। जबकि मुंबई में टमाटर का दाम एक साल में तीस रुपए प्रति किलो से 12 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गया है।

विशेषज्ञों के मुताबिक टमाटर के दामों में यह भारी गिरावट इसके उत्पादन में हुई बढ़ोतरी के कारण आई है। इस साल मौसम अनुकूल रहने के कारण टमाटर की बंपर पैदावार हुई है, जिस वजह से इनके दाम बाजार में गिर गए हैं। 

एक अनुमान के मुताबिक वर्ष 2020-21 में टमाटर का उत्पादन 2.10 करोड़ रहा है। जबकि इसके पिछले वर्ष उत्पादन 2.05 करोड़ था। राष्ट्रीय बागवानी एवं अनुसंधान फाउंडेशन के कार्यवाहक निदेशक पीके गुप्ता के मुताबिक फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्रीज आगे आकर किसानों को होने वाले इस नुकसान से बचा सकती हैं।