विदिशा| जिले के लटेरी कस्बे में एक दो साल के बच्चे की इलाज के कुछ ही घंटों बाद मौत हो गई, जिसके बाद परिजनों ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा किया और एफआईआर दर्ज कराई। जानकारी के मुताबिक, बुधवार रात मजदूरी करने वाले विनोद कुशवाह अपने बेटे देव को सर्दी-खांसी की शिकायत पर बस स्टैंड के पास स्थित सांई कृपा क्लीनिक ले गए थे। डॉक्टर संतोष साहू ने उन्हें तीन दवाइयों की बोतलें दीं और कहा कि आधा-आधा ढक्कन देना है। रात 9 बजे दवा देने के बाद बच्चा सो गया, लेकिन कुछ समय बाद उसकी हालत बिगड़ने लगी, उल्टियां और दस्त होने लगे।
विनोद का कहना है कि वह बेटे की तबीयत बिगड़ने पर दोबारा डॉक्टर के पास गए, लेकिन उन्होंने दरवाजा नहीं खोला। लटेरी और आसपास के अन्य अस्पतालों में भी मदद नहीं मिली। आखिरकार आनंदपुर के सदगुरु अस्पताल ले जाया गया, जहां से उन्हें लटेरी अस्पताल भेजा गया। वहां डॉक्टरों ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया। जब डॉक्टरों को दवाइयां दिखाई गईं, तो उन्होंने उसे नकली बताकर पुलिस को सौंप दीं।
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गुरुवार सुबह गुस्साए परिजन और स्थानीय लोग क्लीनिक के सामने जमा हो गए और सड़क जाम कर दी। जब पुलिस डॉक्टर को हिरासत में लेने आई तो भीड़ ने उस पर हमला कर दिया और क्लीनिक पर पथराव भी किया। मौके पर पहुंचे एसडीएम विनीत तिवारी ने परिजनों को न्याय का भरोसा दिलाकर स्थिति को नियंत्रित किया।
बीएमओ अभिषेक उपाध्याय ने बताया कि बच्चे का पोस्टमॉर्टम करा लिया गया है और डॉक्टर के क्लीनिक से एलोपैथिक और होम्योपैथिक दवाएं मिली हैं, जिनके सैंपल लिए गए हैं। वहीं एडिशनल एसपी डॉ. प्रशांत चौबे ने कहा कि डॉक्टर पर बिना एलोपैथिक डिग्री के एलोपैथिक इलाज करने का आरोप है, क्लीनिक का सारा सामान जब्त कर लिया गया है और पोस्टमॉर्टम व स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई होगी।
एसडीएम ने बताया कि डॉक्टर साहू के पास बीएचएमएस डिग्री है, लेकिन एलोपैथिक दवाएं मिलने के चलते क्लीनिक को सील कर दिया गया है। प्रशासन ने लटेरी व आसपास के सभी निजी क्लीनिकों व पैथोलॉजी सेंटरों की जांच कराने की घोषणा की है।