नई दिल्‍ली।

भारत में कोरोना वायरस की चेन तोड़ने के लिए मंगलवार आधी रात से लॉक डाउन की घोषणा कर दी गई है। प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को देश को संबोधित करते हुए 21 दिन के अनिवार्य लॉकडाउन का ऐलान करते हुए कहा था कि इसे लोग कर्फ्यू ही मानें। इस वजह से करीब 130 करोड़ से ज्यादा लोग घरों में कैद हो गए हैं। भारत सहित लॉकडाउन घोषित करने वाले करीब 50 देशों ने इसे अनिवार्य किया है। इन देशों में फ्रांस, इटली, अर्जेंटीना, इराक, ग्रीस, रवांडा और अमेरिका का कैलिफोर्निया राज्य शामिल है। अनिवार्य लॉकडाउन का मतलब है कि बहुत जरूरत होने पर घर से बाहर निकलना है। जो बिना उचित आवश्‍यकता बाहर निकाला उस वर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। है। मंगलवार को कोलंबिया भी इसी लिस्ट में शामिल हो गया। वहीं, न्यूजीलैंड बुधवार से लॉकडाउन होगा। अधिकतर देशों में जरूरी काम पर जाने, मेडिकल केयर के लिए जरूरी सामान लाने की छूट है।

करीब पांच देशों ने अपने नागरिकों से अपील की है कि घर पर ही रहें और कम से कम लोगों के संपर्क में आएं। इन देशों में ईरान, जर्मनी और ब्रिटेन भी शामिल हैं।  बर्किना फासो, चिली, फिलिपींस, सर्बिया, मौरीटानिया और सऊदी अरब जैसे देशों ने अपने यहां कर्फ्यू घोषित किया है।

गौरतलब है कि चीन के वुहान प्रांत में पहली बार दिसंबर के अंत में कोरोना वायरस को पहचाना गया था, और इस प्रकार प्रारंभिक प्रकोप के संगरोध उपायों को 22 जनवरी को पहली बार वहाँ लगाया गया था। अब, दो महीने के बाद, चीनी सरकार ने पुष्टि की है कि हुबेई में सभी प्रतिबंधों को 8 अप्रैल तक पूरी तरह से हटा दिया जाएगा।

दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने सोमवार को देर रात लॉक डाउन लागू किया। उन्‍होंंने कहा कि  26 मार्च की आधी रात से16 अप्रैल की मध्यरात्रि तक, सभी दक्षिण अफ्रीकी लोगों को घर पर रहना होगा।