उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग-उन अपने अजीब-ओ-गरीब फैसलों के लिए जाने जाते हैं। हाल ही में उनके बारे में उत्तर कोरिया के एक पूर्व अधिकारी ने एक हैरतअंगेज खुलासा किया है। पूर्व अधिकारी का दावा है कि किम जोंग जहां भी जाते हैं, उनके साथ उनका एक पोर्टेबल टॉयलेट भी साथ में जाता है। हवाई सफर की जगह बुलेट प्रूफ ट्रेन से यात्रा करना पसंद करने वाले किम विदेश यात्राओं के दौरान अपना टॉयलेट साथ लेकर चलते हैं। अगर किसी ने उनका टायलेट उपयोग कर लिया तो उसे सजा-ए-मौत दे दी जाती है।

तानाशाह किम का टॉयलेट प्रेम जानकर लोग हैरान हैं। लेकिन किम का यह बाथरूम प्रेम उनकी सुरक्षा से जुड़ा है। किम जोंग नहीं चाहते कि उसकी सेहत से जुड़ी किसी तरह की जानकारियों का खुलासा किसी के सामने हो। इसलिए वह अपना टायलेट साथ लेकर चलते हैं। अगर वे किसी अन्य का बाथरूम उपयोग करेंगे तो उन्हें डर रहता है कि कहीं स्वास्थ्य संबंधी जानकारियां लीक ना हो जाए। किम सिंगापुर, रूस,चीन समेत अन्य देशों की यात्रा में ऐसा करते नजर आ चुके हैं।

इस बारे में एक्सपर्ट्स का कहना है कि इंसान से यूरिन और स्टूल के सैंपल से उसकी सेहत का कच्चा चिट्ठा खोला जा सकता है। यही वजह है कि तानाशाह किम अपनी सुरक्षा के मद्देनजर इस बात का विशेष ध्यान रखते हैं। तानाशाह किम जोंग की सभी गाड़िया खासतौर पर डिजाइन की गई हैं। जिसमें टॉयलेट होता है। अक्सर वे केवल अपनी हाई-टेक कार से ही सफर करते हैं। किम जोंग की बुलेटप्रूफ मर्सिडीज बेंज को टॉयलेट के इस्तेमाल को देखते हुए मॉडिफाय किया गया है।

 माना जा रहा है कि किम जोंग-उन को डर है कि उनके दुश्मन उनके स्टूल याने मल से उनकी सेहत से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां हासिल करके उनके मारने की साजिश रच सकते हैं। इसलिए वे अपने अलावा कही और का टॉयलेट यूज नहीं करते।  बीते साल किम में काफी ट्रांसफार्मेशन देखने को मिला था। उनका वजन तेजी से कम हुआ था। जिसके बाद अफवाह उड़ी थी कि तानाशाह किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित है। जिससे उसका वेट तेजी से कम हुआ है।

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वहीं 17 दिसंबर 2021 को अपने पिता किम जोंग इल की बरसी के मौके पर तानाशाह ने 11 दिनों के लिए हंसने पर पाबंदी लगा दी थी। नार्थ कोरिया की जनता को शोक मनाने को कहा गया था। इस दौरान लोगों को हंसने, शराब पीने पार्टी करने और ऑफिस से छुट्टी लेने पर पाबंदी थी। दफ्तरों में उदास चेहरा लेकर काम करना था। ऐसा नहीं करने वालों को मौत की सजा देने की बात कही गई थी। लोगों से कहा गया था कि इन 11 दिनों में स्वादिष्ट खाना नहीं बने लोग रूखा-सूखा खाना खाएं। बाजारों से नया सामान खरीदने पर पाबंदी थी।