इस्लामाबाद। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने का जिम्मा वहां के गधों ने ले लिया है। इमरान सरकार ने भी गधों पर विशेष फोकस करते हुए उनके स्वास्थ्य के लिए अलग से अस्पताल तक खुलवा दिया है। गधों को पाकिस्तान में इतनी सुविधाएं इसलिए दी जा रही है क्योंकि इमरान सरकार की योजना गधे बेचकर अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की है।

इमरान सरकार ने आर्थिक सर्वेक्षण के बाद गधों का डेटा जारी किया है। आर्थिक सर्वेक्षण 2020-21 के मुताबिक पाकिस्तान में गधा ही एकलौता ऐसा जानवर है जिसकी आबादी 2001-2002 से हर साल 1 लाख की दर से बढ़ रही है। देश में गधों की आबादी 56 लाख को पार कर गई है। इसी के साथ पाकिस्तान दुनिया का तीसरा सबसे ज्यादा गधे रखने वाला देश बन गया है। 

दरअसल, पाकिस्तान मुख्य रूप से चीन को गधों का सप्लाई करता है। पिछले तीन वर्षों से पाकिस्तान ने गधों की सप्लाई  में आश्चर्यजनक रूप से बढ़ोतरी की है। चीन में गधों की कीमत बहुत ज्यादा है। चीन गधों की खाल से निकली जिलेटिन का इस्तेमाल दवाई बनाने के लिए करता है। गधों के बदले चीन की ओर से पाकिस्तान को मोटी रकम मिलती है। गधे बेचकर पाकिस्तान जबरदस्त मुनाफा कमा रहा है, और देश की अर्थव्यवस्था को गधों के पैसों से मजबूती मिल रही है।

दुसरे जानवर भी बढ़े

इमरान सरकार की आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक साल 2019-20 की तुलना में 2020-21 के दौरान पशुओं की संख्या में लगभग 10.9 लाख की वृद्धि दर्ज की गई। इनमें भैंस, घोड़े, बकरी, भेड़ और ऊंट हैं। पाकिस्तान में भैंसों की संख्या 4.1 करोड़ से बढ़कर 4.24 करोड़ हो गई, तथा बकरियों की संख्या 7.82 करोड़ से से बढ़कर 8 करोड़ हो गई। इतना ही नहीं देश में भेड़ों की संख्या 3.12 करोड़ से बढ़कर 3.16 करोड़ हो गई है जबकि घोड़ों और खच्चरों की संख्या वर्ष 2020-21 में नहीं बढ़ी है।