मॉस्को। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय रूस के दौरे पर हैं। मंगलवार को अपने दौरे के दूसरे दिन पीएम मोदी ने द्विपक्षीय वार्ता में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने शांति का संदेश देते हुए कहा कि बम, बंदूक और गोलियों के बीच शांति संभव नहीं है। युद्ध के मैदानों से शांति का रास्ता नहीं निकलता है। समाधान के लिए वार्ता जरूरी है।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत हमेशा से शांति के पक्ष में रहा है। युद्ध के मैदान में समाधान खोजना संभव नहीं। चाहे युद्ध हो, संघर्ष हो, आतंकवादी हमले हों, जब जान का नुकसान होता है तो मानवता में विश्वास रखने वाले हर व्यक्ति को दुख होता है। जब मासूम बच्चों की हत्या होती है, जब हम मासूम बच्चों को मरते देखते हैं तो दिल दहल जाता है। वह दर्द बहुत बड़ा है।
पीएम मोदी ने आगे कहा कि शांति की बहाली में भारत हर संभव सहयोग करने के लिए तैयार है। शांति के लिए मेरे मित्र पुतिन की बातों को सुनकर मुझे बहुत खुशी है। मैं विश्व समुदाय को आश्वत करना चाहता हूं कि भारत शांति का पक्षधर है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले ढाई दशकों से मेरे रूस के साथ-साथ आपसे भी संबंध रहे हैं। करीब 10 साल में हम 17 बार मिले। पिछले 25 सालों में हमारी लगभग 22 द्विपक्षीय बैठकें हुई हैं। यह हमारे संबंधों की गहराई को दर्शाता है।
इस दौरान पुतिन ने मोदी से कहा कि आप यूक्रेन संकट का जो हल निकालने की कोशिश कर रहे हैं हम उसके आभारी हैं। दूसरी तरफ, यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने मोदी-पुतिन की मुलाकात पर नाराजगी जताई है। उन्होंने मोदी के दौरे को यूक्रेन में शांति की कोशिशों के लिए बड़ा झटका बताया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा, 'दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश के नेता का दुनिया के सबसे खूनी नेता को गले लगाना निराशाजनक है।'
मॉस्को दौरे के दौरान पीएम मोदी ने विश्वयुद्ध के दौरान शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी है। इसके बाद वे रूस के एटम पवेलियन पहुंचे। इसे रूसी न्यूक्लियर टेक्नोलॉजी का हब कहा जाता है। मोदी ने इस दौरान रूस के परमाणु पनडुब्बी का मॉडल देखा।