इंडियन रेलवे ने अपना ही रिकॉर्ड तोड़ते हुए 2.08 किलोमीटर  लंबी ‘शेषनाग’ ट्रेन चलाई है। भारतीय रेलवे ने ‘शेषनाग’ से पहले दो किलोमीटर लंबी ‘सुपर एनाकोंडा’ नाम की ट्रेन चलाई थी। ‘शेषनाग’ ट्रेन में चार मालगाड़ियों के खाली डिब्बे लगाए गए थे। इसके लिए चार इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव सेट का उपयोग किया गया। ‘शेषनाग’ भारतीय रेल द्वारा चलाई गई अब तक की सबसे लंबी ट्रेन है। इसमें कुल नौ इंजन और चार गार्ड वैन लगी हैं। दक्षिण पूर्व सेंट्रल रेलवे (SECR) की इस ट्रेन में 251 डिब्बे हैं।

‘शेषनाग’ से पहले चलाई थी सुपर एनाकोंडा ट्रेन

रेलवे ने ‘शेषनाग’ से पहले सुपर एनाकोंडा नाम की ट्रेन चलाई थी। जिसकी लंबाई 2 किलोमीटर थी। इस ट्रेन में 177 डिब्बे लगाए गए थे । साथ ही सुपरएनाकोंडा में तीन लोकोमोटिव का उपयोग किया गया था, जिसमें से एक लोकोमोटिव ट्रेन के बीच में लगाया गया था।

गौरतलब है कि अनलॉक 2 में भी भारतीय रेल अपनी सारी ट्रेन नहीं चला रहा है, कोविड 19 के कारण सैकड़ों  यात्री गाड़ियां रद्द हैं। जिसकी वजह से बहुत से रूट खाली हैं। रेलवे का कहना है कि ‘शेषनाग’ और एनाकोंडा ट्रेन चलाने में सबसे बड़ी समस्या यह होती है कि उन्हें बीच में किसी दूसरी ट्रेन को क्रॉस करवाने के लिए रोका नहीं जा सकता है, क्योंकि रास्ते में कोई भी लूप या प्लेटफार्म की ओर का ट्रैक इन ट्रेनों से लंबा नहीं होता है। व्यस्त यात्री गाड़ियों वाले रूट पर इस तरह की ट्रेन नहीं चलाई जा सकती हैं।

प्रयोग के तौर पर क्षमता परीक्षण के लिए चलाई जा रही हैं ट्रेने

 लाकड़ाउन के कारण इंडियन रेलवे प्रयोग के तौर पर इस तरह के लंबी ट्रेनों को चलाने की कोशिश कर रही है। इससे न केवल वह इन ट्रेनों की क्षमता का परीक्षण कर पा रही है, बल्कि वह उन ट्रैक का भी परीक्षण हो रहा है। जिनमें ये ट्रेनें चलाई जा रही हैं। भारतीय रेल एक साथ कई मालगाड़ियों को मिलाकर चलाने से बड़ी बचत भी कर रही है।

एशिया का सबसे बड़ा नेटवर्क है भारतीय रेलवे

गौरतलब है कि इंडियन रेल एशिया का सबसे बड़ा और दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है। देश में रेलवे ट्रैक कुल लंबाई 115,000 किलोमीटर है। भारतीय रेल में 7,421 मालगाड़ियां चलती हैं, जो 30 लाख टन माल रोजाना ढोती हैं। भारतीय रेलवे के पास 239,281 मालगाड़ी डिब्बे, 59,713 यात्री डिब्बे और 9,549 लोकोमोटिव्स मौजूद हैं। भारत में 12,617 यात्री गाड़ियां चलती हैं, जिसमें 2.3 करोड़ यात्री रोजाना सफर करते हैं। फिलहाल लॉकडाउन के कारण देश में केवल करीब 200 स्पेशल ट्रेनें ही चलाई जा रही हैं। एक जुलाई से 12 अगस्त तक ट्रेनों की आवाजाही बंद है।