भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपल में कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों को बीती रात जबरन हटा दिया गया। बताया जा रहा है कि भोपाल पुलिस ने आधी रात को प्रदर्शनस्थल पर बलप्रयोग कर किसानों को हटा दिया। किसान नेताओं ने पुलिस के इस कार्रवाई को शर्मनाक करार देते हुए कहा है कि प्रदेश के शिवराज सरकार का किसान विरोधी चेहरा बेनकाब हो गया है।

अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा के प्रदेश संयोजक विजय कुमार ने बताया कि किसान आंदोलन के समर्थन में भोपाल के करोंद कृषि उपज मंडी के गेट के सामने संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया जा रहा था। इस दौरान आधी रात के बाद भोपाल पुलिस आई और प्रदर्शनकारियों को बलपूर्वक हटा दिया। इतना ही नहीं मौके पर पुलिस ने किसानों के टेंट भी उखाड़ दिए और माइक लेकर चले गए।

विजय कुमार ने कहा, 'भोपाल पुलिस की इस कार्रवाई ने शिवराज सरकार के किसान विरोधी चेहरे को बेनकाब कर दिया है। हम राज्य सरकार के इस तानाशाही पूर्ण रवैए की भर्त्सना करते हैं। खुद को किसान कहने वाले सीएम शिवराज सिंह चौहान किसानों को विरोध दर्ज कराने का अधिकार भी नहीं दे रहे हैं। मध्य प्रदेश में किसान आंदोलन का बलपूर्वक दमन किया जा रहा है।'

26 जनवरी को भोपाल में भी ट्रैक्टर परेड करेंगे किसान

विजय ने कहा है कि प्रशासन की इस कार्रवाई के विरोध में अब राजधानी भोपाल में भी 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के मौके पर किसान ट्रैक्टर परेड करेंगे। उन्होंने बताया कि फिलहाल परेड को रिंग रोड पर ही निकालने को लेकर चर्चा हुई है, ऐसे में हम शहर के अंदर परेड नहीं निकालेंग। गौरतलब है कि किसान संगठनों ने राजधानी भोपाल में 21 जनवरी की रात से धरना शुरू किया था, लेकिन यह धरना 48 घंटे भी नहीं चल सका और पुलिस ने इसे हटा दिया।