भोपाल। विधानसभा के जारी शीतकालीन सत्र में शिवराज सरकार अपने ही विधायक से घिर गई है। बुधवार को सिरोंज से बीजेपी के विधायक उमाकांत शर्मा ने विवाह सहायता योजना के हवाले से अपनी ही सरकार पर सवाल खड़े कर दिए। उमाकांत शर्मा ने दावा किया कि विवाह सहायता योजना में तीस करोड़ का घपला किया गया है। 

बुधवार को प्रश्न काल के दौरान उमाकांत शर्मा ने कहा कि कोरोना काल में सिरोंज जनपद में 6 हजार विवाह हुए। इसके लिए विवाह सहायता योजना के तहत भवन व अन्य सनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल में पंजीकृत श्रमिकों की पुत्रियों के विवाह में कन्यादान के नाम पर 51-51 हजार की राशि आवंटित की गई। 

उमाकांत शर्मा ने कोरोना काल में इतने विवाह होने का मसला उठाते हुए रिश्वतखोरी का आरोप लगाया। बीजेपी विधायक ने कहा कि इसके लिए 20-20 हजार की रिश्वत ली गई। इसके जवाब में श्रम मंत्री बृजेंद्र सिंह ने भी स्वीकारा कि सिरोंज जनपद में विवाह सहायता योजना में भ्रष्टाचार की शिकायत मिली है। श्रम मंत्री ने बताया कि मामले की जांच में पता चला है कि विवाह पहले हुए थे, लेकिन इनका पंजीकरण बाद में किया गया। जो कि नियमों का उल्लंघन है। श्रम मंत्री ने मामले में दोषियों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया। 

श्रम मंत्री के आश्वासन के बाद विधानासभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने भी कहा कि कोरोना काल में एक ही जनपद में इतने विवाह होना संदेहास्पद है। राज्य सरकार इस पर जांच करनी चाहिए। इसके बाद उमाकांत शर्मा ने कहा कि इस मामले में सबसे पहले सीईओ पर गाज गिरनी चाहिए। अगर सीईओ को नहीं हटाया गया, तो भ्रष्टाचार ऐसे ही चलता रहेगा।