उज्जैन। बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में शिप्रा नदी के तट पर रुक-रुककर धमाका होने की खबर है। नदी के अंदर से आग के गोले निकल रहे हैं। साथ ही धुंआ भी निकल रहा है। पानी के अंदर से आग निकलने की इस घटना ने स्थानीय लोगों के बीच दहशत का माहौल पैदा कर दिया है। फिलहाल इस बात की जानकारी नहीं मिल पाई है कि यह अजीबोगरीब घटना क्यों हो रही है। विशेषज्ञों की टीम मामले की जांच में जुट गई है।



स्थानीय लोगों के मुताबिक नदी में पहला धमाका 26 फरवरी को हुआ था। हालांकि उस वक़्त किसी ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। लेकिन 2 फरवरी से लगातार धमाके, आग और धुआं निकलने की घटनाएं हो रही हैं। इससे इलाके के गांव वाले दहशत में हैं। ग्रामीणों ने घटना की जानकारी जब पीएचई के अधिकारियों को दी तो वहां एक कर्मचारी तैनात कर प्रशासन को सूचना दी गई। कलेक्टर आशीष सिंह और पुलिस अधिकारी वहां मुआयना करने भी पहुंचे। 



ग्रामीणों का कहना है कि पिछ्ले चार दिन से लगातार विस्फोट की आवाज आ रही है। वे कई बार धमाके देख भी चुके हैं। चश्मदीदों का कहना है कि अचानक धमाका होता है, आग और धुआं निकलता है। ये धमाके रुक-रुककर होते हैं जो स्टॉपडैम की दोनों तरफ देखे जा रहे हैं। ग्रामीणों ने इसके वीडियो भी बनाए हैं। धमाके वाला क्षेत्र ग्राम पंचायत गोठड़ा में आता है, जहां के सरपंच संजय आंजना ने भी नदी से आग निकलने की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि अपने जीवन में उन्होंने पहले कभी ऐसी घटना के बारे में नहीं सुना। 





प्रशासन ने घटनास्थल से पानी के सैंपल लिए हैं, जिन्हें जांच के लिए पीएचई की प्रयोगशाला में भेज दिया गया है। पीएचई ने यहां नजर रखने के लिए कर्मचारियों की तैनाती भी कर दी है। पीएचई द्वारा तैनात किए गए कर्मचारी पीरूलाल अंबोदिया ने बताया कि शनिवार दोपहर 1 बजकर 20 मिनट पर नए घाट के सामने पुरानी दीवार के किनारे धमाका हुआ। तब वे घाट पर ही थे। इस दौरान धमाके के साथ पानी करीब 10 फीट ऊंचा उछला। इतना ही नहीं पानी से आग और धुआं भी निकलने लगा। करीब एक मिनट तक ऐसा होता रहा। 



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शनिश्चरी अमावस्या को लेकर चिंता



नदी से आग के गोले निकलने की घटना ने शनिश्चरी अमावस्या को जुटने वाली भीड़ को लेकर अधिकारियों की चिंता बढ़ा दी है। अमावस्या के दिन यहां स्नान के लिए मालवा क्षेत्र से हजारों श्रद्धालु आते हैं। हालांकि जहां धमाके हो रहे हैं, वह जगह नदी के पुराने स्नान घाट से दूर है, लेकिन कई श्रद्धालु मुख्य घाट को छोड़कर यहां भी स्नान के लिए आ जाते हैं। ऐसे में प्रशासन के लिए ये भू-गर्भीय घटनाएं चिंता का कारण बनी हुई हैं। 



मामले की गंभीरता को देखते हुए उज्जैन के कलेक्टर आशीष सिंह ने घटनास्थल पर किसी के भी जाने पर रोक लगा दी है। कलेक्टर ने बताया शनिश्चरी अमावस्या ने दिन पास के घाट पर भी किसी को स्नान नहीं करने दिया जाएगा और पूरे इलाके में सुरक्षा रहेगी। उन्होंने कहा कि जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया को भी सारे मामले की जानकारी दी गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी घटनाएं भू-गर्भीय हलचल से भी हो सकती है। इसके अलावा धरती के भीतर पेट्रोलियम या गैस भंडार से रिसाव होने पर भी ऐसा हो सकता है।