श्योपुर| मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क से निकलकर चीता वायु श्योपुर शहर में घुस आया, जिसके बाद शहर के लोग दहशत में हैं। मंगलवार-बुधवार की दरमियानी रात चीते को शहर के वीर सावरकर स्टेडियम के पास देखा गया। बुधवार सुबह उसकी लोकेशन बेला भीमलत गांव के पास मिली। चीता ट्रैकिंग टीम लगातार उसकी निगरानी कर रही है।

चीता स्टेडियम, कलेक्ट्रेट और ईको सेंटर होते हुए बावंदा नाले तक पहुंचा। इस इलाके से सटे कूनो वन मंडल के बफर जोन का जंगल है। विशेषज्ञों का मानना है कि चीता जल्द ही वापस कूनो के जंगल लौट जाएगा। लेकिन इस घटना से शहर और आसपास के क्षेत्रों में डर का माहौल है।

स्थानीय लोगों ने बताया कि चीता वीर सावरकर स्टेडियम और क्रेशर कॉलोनी के पास देखा गया। क्रेशर कॉलोनी के निवासी यूसुफ खान ने बताया कि चीता स्टेडियम में था और कुछ दूरी पर वन विभाग की गाड़ियां खड़ी थीं। जब उन्होंने चीते का वीडियो बनाया तो वर्दीधारी कर्मचारियों ने उनका मोबाइल लेकर वीडियो डिलीट कर दिया। बस्ती के लोग डर के कारण अपने घरों में बंद हैं।

कलारना गांव के निवासी गिर्राज आदिवासी ने बताया कि उन्होंने चीते को एक कुत्ते का शिकार करते हुए देखा। आवाज सुनकर जब उन्होंने खिड़की से झांका तो चीता कुत्ते को खींचकर ले जा रहा था।

कूनो नेशनल पार्क के अधिकारियों ने बताया कि वायु और अग्नि नाम के दो चीतों को खुले जंगल में छोड़ा गया था। ये दोनों सगे भाई हैं और पहली बार अलग-अलग दिशाओं में निकले हैं। वायु ने कूनो के रिजर्व जोन से बाहर निकलकर शहर का रुख किया। चीता ट्रैकिंग टीम लगातार उसकी गतिविधियों पर नजर रखे हुए है। टीम में वनकर्मी तैनात रहते हैं, जो 24 घंटे चीते की निगरानी करते हैं। जरूरत पड़ने पर उसे ट्रेंकुलाइज किया जा सकता है, लेकिन इसके लिए उच्च अधिकारियों की अनुमति आवश्यक होती है।

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कूनो नेशनल पार्क के डीएफओ आर थिरूकुराल ने कहा कि चीते की लोकेशन के बारे में जानकारी साझा नहीं की जा सकती, लेकिन उसकी सुरक्षा और निगरानी सुनिश्चित की जा रही है। चीता अपने भोजन का इंतजाम खुद करता है और वन विभाग उसकी मदद नहीं करता। इस घटना ने लोगों को सतर्क कर दिया है, और अधिकारी चीते की सुरक्षित वापसी के प्रयास कर रहे हैं।