6 दिसंबर 2024 के पेपर ने लिपटा था 54 किलो सोना, भोपाल गोल्ड-कैश कांड पर अरुण यादव ने उठाए गंभीर सवाल
कांग्रेस नेता अरुण यादव ने पूछा है कि 18 वर्षों में सीएस परिवहन विभाग के एसीएस, पीएस, टीसी को जांच में शामिल क्यों नहीं किया गया है?
भोपाल। भोपाल के मेंडोरी के जंगल में बीते दिनों एक कार से 52 किलो सोना मिला। इसके अलावा, 11 करोड़ रुपए कैश भी बरामद हुए हैं। साथ ही परिवहन घोटाले के आरोपी कॉन्स्टेबल के घर से दो क्विंटल चांदी की सिल्लियां बरामद हुई। इस हाई प्रोफाइल मामले को लेकर कांग्रेस राज्य सरकार पर हमलावर है। इसी बीच कांग्रेस नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने पूरे घटनाक्रम को लेकर कई गंभीर सवाल खड़े किए हैं।
अरुण यादव ने ट्वीट कर कहा कि आरक्षक सौरभ शर्मा के यहाँ रेड को लगभग एक हफ्ता हो गया है, अभी तक कुछ सवालों के जवाब नहीं मिले हैं। यादव ने कहा कि 54 किलो सोना जो मिला वो 6 दिसंबर 2024 के पेपर में लिपटा मिला था, मतलब इतना सोना क्या हर महीने इधर से उधर होता था? उन्होंने पूछा कि लोकायुक्त की कार्रवाई कैसे लीक हुई? आईटी, लोकायुक्त एवं पुलिस सबके बयानों में भिन्नता क्यों है? किसके प्लॉट पर गाड़ी पकड़ाई, उस प्लॉट मालिक को किसका संरक्षण था ?
यादव ने पूछा है कि रेड में शिवराज सिंह के नए मकान के कागज कैसे मिले, आखिरकार यह "शिवराज" कौन है? सौरभ शर्मा की जिस कार से रात को 2 बजे प्रशासनिक माफियाओं के भूखंडों से 54 किलो सोना, 10 करोड़ नगद और किसी महिला के सौंदर्य प्रसाधन की सामग्रियों मिली है, जबकि लोकायुक्त का छापा अलसुबह डल चुका था तो रात को 2 बजे तक यह कार दिन के उजालों में कहाँ से निकली जबकि सड़कों पर इस कार के घूमते हुए सीसीटीवी फुटेज सार्वजनिक हो चुके हैं, इस लिहाज से कार्यवाही के ही दौरान कार जिस जगह से निकली तो जांच एजेंसियां कहाँ थी?
यादव ने पूछा कि जिस थाने में कार की गुमशुदगी की एफआईआर लिखाने एक महिला पहुंची थी, उसकी रिपोर्ट लिखने के लिए पुलिस महकमे के किस अधिकारी ने थाने पर दवाब बनाया था? पुलिस 6 घण्टे तक किसका इन्तिज़ार करती रही, क्या पुलिस ने रेड के लिए मना कर दिया था? कांग्रेस नेता ने कहा कि रातीबड़ के स्थानीय लोगों के हिसाब से 3 गाड़ियां थी, अब तक 2 गाड़ियां कहाँ है? 18 वर्षों में सीएस परिवहन विभाग के एसीएस, पीएस, टीसी को जांच में शामिल क्यों नहीं किया गया है?
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पूर्व केंद्रीय ने कहा कि इन सभी वरिष्ठ अधिकारियों के देश-विदेश में अर्जित अकूत संपत्तियों की जांच कराई जाए एवं इन सभी के नियुक्तियां कराने में किस किसकी, क्या- क्या ईमानदार (?) मंशाएं थी उसका भी खुलासा हो। इन सभी अधिकारियों के सीडीआर एवं उनके घरों के आसपास के कैमरा रिकॉर्डिंग को सरकार जनता के समाने लेकर आए। सीएस अनुराग जैन एवं डीजीपी कैलाश मकवाना ईमानदार है तो भ्रष्टाचार पर कार्यवाही कर अपनी ईमानदारी का सबूत दे। पूर्व एवं वर्तमान परिवहन विभाग के मंत्रियों के स्टाफ की सीडीआर को सरकार उजागर करे।