इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर के बहुचर्चित बल्ला कांड में नया मोड़ आ गया था। बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के पुत्र आकाश विजयवर्गीय के खिलाफ शिकायत करने वाले अधिकारी अब अपने बयान से पलट गए हैं। दरअसल, आकाश विजयवर्गीय ने जिस निगम अधिकारी को बल्ले से पीटा था उन्होंने अब कोर्ट में कहा है कि उन्हें यह नहीं पता कि बल्ले से किसने उनकी पिटाई की।

रिपोर्ट्स के मुताबिक मामले की सुनवाई के दौरान निगम अधिकारी ने कहा कि घटना के वक्त वे मोबाइल पर किसी से बात कर रहे थे। उन्हें नहीं पता कि उन्हें बल्ला किसने मारा था क्योंकि बल्ला पीछे से चला था। उन्होंने आकाश विजयवर्गीय को बल्ला मारते हुए नहीं देखा था। विजयवर्गीय के हाथ में बल्ला था इसलिए उन्होंने FIR में उनका नाम लिखवा दिया था। कोर्ट अब इस मामले में 25 फरवरी को सुनवाई करेगी।

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मामले पर यूथ कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष विवेक त्रिपाठी ने कहा कि, 'BJP शासन में अधिकारी अंधे हो जाते हैं। निगमकर्मियों को भूमाफिया नहीं दिखते, पुलिस को रेत माफिया नहीं दिखते, यही तो माफ़ियातंत्र है। जब बात माफियाओं के सरदार कैलाश विजयवर्गीय के बेटे आकाश की आई है तो जिस निगम अधिकारी की कुटाई हुई वह ये नहीं देख पाया कि कूटने वाला कौन था। इस घटना से विजयवर्गीय बाप-बेटों का मनोबल बढ़ेगा। भविष्य में वे कलेक्टर-कमिश्नर की भी पिटाई करेंगे।' 

दरअसल, साल 2019 में इंदौर के गंजीकंपाउंड क्षेत्र में एक जर्जर भवन ढहाने की मुहिम के दौरान अचानक BJP विधायक आकाश विजयवर्गीय पहुंच गए। यहां उन्होंने नगर निगम के तत्कालीन भवन निरीक्षक धीरेंद्र बायस को क्रिकेट बैट से पीटा था। उन्होंने धमकी दी थी कि 10 मिनट में यहां से निकल जाओ, वर्ना जो कुछ होगा उसके जिम्मेदार आप लोग होंगे। मामला तूल पकड़ने के बाद आकाश ने कहा था कि मैं बहुत गुस्से में था। मैंने क्या कर दिया मुझे नहीं पता।