भोपाल। मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने नाम बदलने में यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ को भी पीछे छोड़ दिया है। 15 वर्ष से ज्यादा समय तक सीएम रह चुके शिवराज सिंह चौहान ने इन दिनों अपनी सारी ऊर्जा नाम बदलने में लगा दिया है। प्रदेश में शहरों का नाम बदले जाने पर कांग्रेस ने कहा है कि जनता महंगाई से त्रस्त है और सरकार नाम बदलने में मस्त है।



दरअसल, गुरुवार देर रात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने होशंगाबाद और बाबई का नाम बदले जाने का ऐलान किया। मुख्यमंत्री ने बताया कि होशंगाबाद अब नर्मदापुरम के नाम से जाना जाएगा, वहीं बाबई को माखन नगर कहा जाएगा। सीएम शिवराज ने नाम बदलने की अनुमति देने के लिए विशेष तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद भी कहा है।





उधर, बीजेपी नेताओं ने नाम परिवर्तन के लिए अपनी मांगों की सूची और बढ़ा ली है। बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा है कि ओबेदुल्लागंज और शाहजहांबाद का भी नाम बदल दिए जाएं। उन्होंने ओबेदुल्लागंज को रामगंज करने की वकालत की है। शर्मा के मुताबिक ये सभी नाम गुलामी के प्रतीक हैं और देश जब आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है तो गुलामी के सारे प्रतीकों को हटाना चाहिए।



मामले पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पीसी शर्मा ने कहा है कि, 'आज जनता महंगाई और बेरोजगारी से त्रस्त है, लेकिन सरकार नाम बदलने में मस्त है। बीजेपी एक समाज विशेष की मुखालफत करती है। बीजेपी जो भी काम करती है वो अल्पसंख्यक समुदाय को टारगेट करने के लिए किया जाता है। नाम बदलने का अभियान जनता को असली मुद्दों से भटकाने के लिए चलाया जा रहा है।' 



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बता दें कि पिछले कुछ महीनों में मध्य प्रदेश सरकार ने दर्जनों कस्बों, शहरों, रेलवे स्टेशनों और ऐतिहासिक धरोहरों का नाम बदल चुकी है और यह सिलसिला जारी है। सरकार एक नाम बदलती है तो साध्वी प्रज्ञा व रामेश्वर शर्मा जैसे बीजेपी नेता दो और का मांग कर देते हैं। भोपाल सांसद साध्वी प्रज्ञा राजधानी स्थित ईदगाह हिल्स और इकबाल मैदान का भी नाम बदलने की वकालत कर चुकी हैं। इतना ही राजधानी भोपाल का नाम भोजपाल करने के लिए तो प्रस्ताव भी भेजा जा चुका है।