बड़वानी। रबी सीजन की फसलें खेतों बोई जा चुकी हैं, अब इनकी सिंचाई की चिंता किसानों को सता रही है। अगर समय पर फसलों की सिंचाई नहीं हुई तो हजारों अन्नदाताओं की मेहनत पर पानी फिर जाएगा। बड़वानी जिले के राजपुर के किसानों ने पानी के लिए प्रदर्शन किया। मंगलवार को गुस्साए किसानों ने जल संसाधन विभाग के दफ्तर में ताला जड़ दिया। उनका कहना है कि जब तक सिंचाई के लिए पानी की आपूर्त नहीं होगी तब तक दफ्तरों में तालाबंदी रहेगी। इस दौरान बड़ी संख्या में धरना देने पहुंचे थे।

किसानों का कहना है कि इलाके के तालाबों में पर्याप्त पानी है फिर भी उन्हें सिंचाई के लिए पानी नहीं दिया जा रहा है। जिसकी वजह से उनकी फसलें सूखने की कगार पर आ गई हैं। जल संसाधन विभाग के दफ्तर में तालाबंदी से पहले किसान कलेक्टर और एसडीएम समेत कई आला अधिकारियों से इस मामले की शिकायत की गई। जब किसी की तरफ से किसानों को कोई मदद नहीं मिली, तो अब किसानों ने प्रदर्शन का रास्ता अख्तियार किया है। 

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किसानों ने जल संसाधन विभाग के आला अधिकारियों पर दफ्तर से नदारद रहने और किसानों की समस्याएं नहीं सुनने का आरोप लगाया है। राजपुर में तैनात एक्जिक्यूटिव इंजीनियर खरगोन में रहते हैं, रोजाना 100 किलोमीटर की यात्रा सरकारी गाड़ी से करते हैं। वे किसानों से मिलते नहीं हैं, वहीं सब डिविजनल ऑफिसर की पोस्टिंग भी राजपुर में ही है, लेकिन वे ऑफिस में नहीं रहते हैं। जब भी किसान उनसे मिलने आते हैं आला अफसरों की गैरमौजूदगी की वजह से उन्हें निराशा ही हाथ लगती है। किसानों का आरोप है इन अधिकारियों के राजनीतिक प्रभाव की वजह से इन पर कोई एक्शन नहीं लिया जाता है।

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इस बारे में भारतीय किसान संघ का कहना है कि अफसरों ने नहर का पानी छोड़ने का आश्वासन दिया था, जिसके बाद इलाके के जलगोन, मोयदा, सालखेड़ा समेत कई गांवों के किसानों ने खेतों में फसलों की बोवनी कर दी हैं। अब जब फसलों को सिंचाई की सख्त जरूरत है, तब हफ्तेभर से पानी की सप्लाई रोक दी गई है। जिसकी वजह से जलगोन तालाब में पानी नहीं है। जिससे किसानों की फसलों सूखने की कगार पर है, अब उनके सामने सिंचाई संकट खड़ा हो गया है। वक्त पर पानी नहीं मिला तो उनकी मेहनत बरबाद हो जाएगी। किसानों द्वारा संबंधित विभाग के ऑफिस के चक्कर लगाने के बाद भी समस्या का हल नहीं निकल रहा है। जिससे तंग आकर किसानों ने जल संसाधन विभाग के दफ्तर में लगाने पड़ रहे हैं। इसलिए दफ्तर में ताला जड़ दिया।