खाद के संकट से जूझ रहा छत्तीसगढ़, केंद्र सरकार ने उर्वरक आपूर्ति में 45 प्रतिशत की कटौती की, किसान परेशान

प्रदेश सरकार ने केंद्र से 7 लाख 50 हजार मीट्रिक टन रासायनिक खाद मांगी, केंद्र ने केवल 3 लाख 20 हजार मीट्रिक टन की आपूर्ति की, रबी फसलों के लिए किसानों को नहीं मिल रही खाद

Updated: Feb 09, 2022, 06:32 AM IST

Photo Courtesy: tv9 bharatvarsh
Photo Courtesy: tv9 bharatvarsh

रायपुर। केंद्र सरकार पर कांग्रेस शासित राज्यों के साथ भेदभाव करने का आरोप लगा है। एक बार फिर छत्तीसगढ़ द्वारा मांग से कम खाद की आपूर्ति हुई है। प्रदेश द्वारा मांगी गई कुल खाद में से 45 प्रतिशत कम खाद भेजी गई है। इस कटौती के कारण प्रदेश के किसानों को रबी फसलों के लिए यूरिया और डीएपी का संकट पैदा हो गया है। केंद्र से कम खाद मिलने की वजह से सहकारी समितिया किसानों को मांग के अनुसार खाद की आपूर्ति नहीं कर पा रही हैं। 45 प्रतिशत की कटौती के बाद भी केंद्र ने खाद की सप्लाई में भी देरी की है। राज्य को अब तक केवल 3 लाख 20 हजार मीट्रिक टन रासायनिक खाद ही मिली है। समय पर खाद आपूर्ति के लिए स्वयं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल केंद्र को कई बार पत्र लिख चुके हैं।

और पढ़ें: सीएम शिवराज सिंह चौहान ने पत्नी और बेटे को दी जिम्मेदारी, क्या है मायने

छत्तीसगढ़ सरकार ने 7 लाख 50 हजार मीट्रिक टन रासायनिक खाद की डिमांड की थी। लेकिन केंद्र सरकार ने मात्र 4 लाख 11 हजार मीट्रिक टन की स्वीकृति दी। जो कि प्रदेश की जरूरत का केवल 55 प्रतिशत है। कटौती के बाद भी केवल 3 लाख 20 हजार मीट्रिक टन रासायनिक खाद ही प्रदेश पहुंचा है। यह खाद पिछले वर्ष की अपेक्षा 39 प्रतिशत कम है। राज्य को 31 हजार 500 मीट्रिक टन यूरिया, 19 हजार434 मीट्रिक टन DAP मिला है। बताया जा रहा है कि पिछले साल की अपेक्षा 68 प्रतिशत कम है। जबकि 4 हजार191 मीट्रिक टन पोटाश की आपूर्ति इस समय तक की गई है, यह भी 2021 से 75 प्रतिशत कम है।

और पढ़ें: केरल में पहाड़ी पर फंसे युवक का सेना ने किया रेस्क्यू, 40 घंटे जिंदगी और मौत के बीच झूलता रहा युवा ट्रैकर

छत्तीसगढ़ में साल 2022 में रबी सीजन के लिए 18 लाख 50 हजार हेक्टेयर की बोवनी का लक्ष्य है। विभिन्न फसलों की करीब बोवनी हो चुकी है, प्रदेश में 15 लाख 76 हजार हेक्टेयर में फसले लगाई जा चुकी है। यहां मुख्यत: धान, चना, मटर, तिवड़ा, सूर्यमुखी, अलसी, सरसों, राई समेत गन्ने की खेती गर्मी के सीजन में की जाती है।