मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मंत्रिमंडल का मंगलवार को गठन हो गया। भाजपा से तीन और ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे से दो मंत्रियों ने शपथ ली। भाजपा से वरिष्ठ विधायक और पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा, मीना सिंह और कमल पटेल मंत्री बने, जबकि सिंधिया ने तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत को मंत्री पद की शपथ ली। पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव और भूपेंद्र सिंह तथा सिंधिया खेमे से बिसाहूलाल सिंह के मंत्री बनने की भी चर्चा थी मगर उन्‍हें शामिल नहीं किया गया है।

मुख्यमंत्री चौहान की शपथ के 29 दिन बाद राजभवन में आयोजित शपथग्रहण समारोह में मप्र के राज्‍यपाल लालजी टंडन ने मंत्री पद की शपथ दिलाई। सूत्रों के अनुसार सिंधिया खेमे से बिसाहूलाल सिंह, महेंद्र सिंह सिसोदिया और प्रभुराम चौधरी को भी मंत्री बनाने का दबाव था। इसी तरह भाजपा के वरिष्ठ विधायकों गोपाल भार्गव, भूपेंद्र सिंह, गौरीशंकर बिसेन, राजेंद्र शुक्ला के नाम भी मंत्री पद की दौड़ में थे। मगर कोरोना संकट को देखते हुए अभी छोटा विस्‍तार ही किया गया है।

मंत्रिमंडल विस्‍तार में शिवराज ने गुटीय और जातीय समीकरणों को साधने का प्रयास किया है। कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में आए ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया खेमे से दो मंत्री बनाए गए हैं बाकि को प्रतीक्षा करनी होगी। भाजपा के तीन नेताओं को पद मिला है मगर कई मायूस हो गए हैं। जातीय समीकरण के मुताबिक हर वर्ग का प्रतिनिधि कैबिनेट में रखा गया है। मीना सिंह को महिला और आदिवासी वर्ग कमल पटेल को ओबीसी, तुलसी सिलावट को अनुसूचित जाति और नरोत्‍तम मिश्रा और गोविंद सिंह राजपूत को सामान्य वर्ग के प्रतिनिधि के रूप में शामिल किया गया है। हालांकि, अभी क्षेत्रीय समीकरण साधा जाना बाकी है। शपथ ग्रहण के बाद मुख्‍यमंत्री चौहान ने मंत्रिमंडल के सदस्‍यों के साथ कोरोना पर सरकार के काम पर चर्चा की है। शाम तक मंत्रियों को विभाग का वितरण हो जाएगा।

गौरतलब है कि शिवराज ने 23 मार्च को राजभवन में सादे समारोह में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। कोरोना संकट को देखते हुए उन्होंने अकेले शपथ ली थी। बिना मंत्रिमंडल के ही शिवराज लगातार कोरोनावायरस संकट के दौरान काम करते रहे हैं और इसे लेकर वे विपक्ष के निशाने पर भी आए।