राजगढ़। मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले के पिपल्या कला और बाजरोन गांव में गोलगप्पे खाने से 40 से अधिक बच्चे बीमार हो गए। शुक्रवार रात 10 बजे के बाद एक के बाद एक सभी बच्चों को जीरापुर के निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया। बच्चों के बीमार होने के बाद गांव और अस्पताल में अफरा-तफरी का माहौल बन गया।
ग्रामीणों ने बताया कि पिपल्या कला और बाजरोन गांव में शुक्रवार को करीब 5 बजे एक बाइक पर पानी-पताशे बेचने वाला आया था। गांव के बच्चों ने उसी से गोलगप्पे खाए, जिसके बाद रात 9 बजे से बच्चों को उल्टी-दस्त, पेट दर्द और घबराहट जैसे लक्षण दिखने लगे। निजी अस्पताल में देर रात तक इलाज चला और डॉक्टरों ने स्थिति को संभालने की कोशिश की।
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ग्रामीणों के अनुसार करीब साढ़े 12 बजे तक अस्पताल में 30 से अधिक बच्चों को भर्ती किया जा चुका था। ग्रामीणों ने बताया कि पिपल्या कला और बाजरोन गांव में शाम 5 बजे बच्चों ने पानी-पताशे खाए थे। रात करीब 9 बजे से बच्चों की तबीयत खराब होना शुरू हो गई। हालत बिगड़ने पर बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। शुरुआत में ग्रामीणों को कुछ समझ नहीं आया, बाद में पता चला की गोलगप्पे खाने से बच्चे फूड पॉइजनिंग का शिकार हो गए।
स्थानीय लोगों का कहना है कि जिले में नींबू, इमली और मसालों की जगह केमिकल युक्त सिरप और घटिया पानी मिलाया जा रहा है। इसके बावजूद भी अब तक न तो खाद्य विभाग की कोई जांच हुई है और न ही इन विक्रेताओं की सामग्री के नमूने लिए गए हैं। गांवों में बच्चे स्वाद के लालच में एक साथ 15-20 तक पानी-पताशे खा रहे हैं, जिससे उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है।