इंदौर। कोरोना का कहर झेल रहे इंदौरवासी एक बार फिर दहशत में हैं। यहां के डेली कालेज कैंपस में 80 से ज्यादा कौओं की मौत हो गई है। मारे गए दो कौवों में वायरस संक्रमण की पुष्टि हुई है। कौवों की मौत H5N8 एवियन इन्फ्लूएंजा से हुई है।

एक साथ बड़ी संख्या में कौवों की मौत के बाद वेटनरी और नगर निगम की टीम मौके पर पहुंची। कौवों को 6 फीट गहरे गढ्ढ़े में दफनाया गया। इतनी बड़ी संख्या में पक्षियों की मौत के बाद प्रशासन अलर्ट पर है। आसपास का पूरा इलाका सैनेटाइज करवाया गया है। नगर निगम की टीम ने लोगों के घरों के स्वास्थ्य की जानकारी ली है। इंदौर के डेली कालेज के 5 किलोमीटर के एरिया में सर्वे कर सर्दी-जुकाम, खांसी और बुखार के लक्षण वालों की जानकारी ली जा रही है।

गौरतलब है कि H5N1 से लेकर H5N5 टाइप वाले वायरस से घातक बर्ड फ्लू होता है। यह एक पक्षी से दूसरे पक्षी में आसानी से फैलता है। राहत की बात यह है कि डेली कालेज के कौवों में मिले वायरस से अब तक सिर्फ कौवों की ही मौत हुई है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यह वर्ड फ्लू तो है लेकिन इसका ऐसा कोई स्पेसिफिक टाइप नहीं है। इससे दूसरों में संक्रमण का खतरा नहीं है।

जानकारों की मानें तो N5N8 एवियन इन्फ्लूएंजा H5N1 से लेकर H5N5 टाइप तक वाला वायरस घातक बर्ड फ्लू होता है, जो एक पक्षी से दूसरे पक्षी में फैलता है। वर्तमान में जिस वायरस से कौवों की मौत हुई है, वह केवल कौवों तक ही सीमित है। वेटनरी डॉक्टर देवेंद्र पोरवाल से मिली जानकारी के अनुसार बर्ड फ्लू पक्षियों, मुर्गियों की ऊपरी सांस नली को प्रभावित करती है। इसके लक्षण निमोनिया की तरह होते हैं, अक्सर यह ठंड के दिनों में जनवरी-फरवरी में फैलता है। 

आपको बता दें कि राजस्थान के नागौर में बड़ी संख्या में मोर और कई पक्षी मृत मिले थे। एक हफ्ते में 295 कौवों की मौत के बाद अलर्ट जारी किया गया है। वहीं इंदौर में लोग पहले ही कोरोना की वजह से दहशत में हैं, यहां कुल संख्या 55 हजार लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं, जबकि 877 लोगों की मौत हो चुकी है।अब वर्ड फ्लू की दस्तक से लोग डरे हुए हैं।