मध्यप्रदेश को जल्द ही देश का पहला जियो पार्क मिलने जा रहा है। यह जियो पार्क जबलपुर से 20 किलोमीटर दूर लम्हेटा गांव में बनेगा। करीब पांच एकड़ जमीन में बनने वाले इस पार्क के निर्माण में करीब 35 करोड़ का खर्चा आएगा। इसका डीपीआर तैयार करने के लिए जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने डेढ़ करोड़ रुपए स्वीकृत कर दिए हैं। इस पार्क में भूगर्भ शास्त्र की धरोहरों को संजोकर रखा जाएगा। देश का पहला जियो पार्क भारत की समृद्ध जियोलॉजिकल संरचनाओं के साथ-साथ मानव सभ्यता के विकास के अध्ययन, पर्यटन और संस्कृति के विकास में भी मील का पत्थर साबित होगा।

इस जियो पार्क के निर्माण के बार में जबलपुर से बीजेपी सांसद और पूर्व बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष राकेश सिंह ने जानकारी दी। यह स्थान पहले से ही प्राकृतिक विरासत के संरक्षण के लिए यूनेस्को की भू-विरासत की अस्थायी सूची में है। बीजेपी सांसद ने कहा कि 1828 में, भारतीय सिविल सेवा अधिकारी विलियम स्लीमैन द्वारा लम्हेटा बेड से पहला डायनासोर जीवाश्म एकत्र किया गया था। यह जियो पार्क केन्द्रीय खान मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) द्वारा होगा। GSI ने मध्यप्रदेश की जीवनधारा कही जाने वाली नर्मदा नदी के तट पर देश के पहले जियो पार्क की स्थापना को मंजूरी प्रदान कर दी है। इससे जबलपुर समेत मध्यप्रदेश की विश्व स्तर पर पहचान बनेगी।

और पढ़ें: चुनाव के पहले सौगात, क्या है शिवराज सिंह का नया वादा

जबलपुर में जियो पार्क की स्थापना होने से इलाके के जिस स्थान पर डायनासोर के अंडे और अवशेष मिले थे उन्हें देखने के लिए दुनियाभर से पर्यटक यहां आएंगे। इससे इलाके के लम्हेटाघाट को पहचान मिलेगी। वर्तमान में लोग जबलपुर के भेड़ाघाट को संगमरमर की चट्टानों के लिए जानते हैं। अब यहां के मदन महल पहाड़ी पर शिलाओं, परियट में क्रोकोडाइल लिए सर्वश्रेष्ठ परिस्थितियों, मानव जीवन के उद्भव और नर्मदा की करोड़ों वर्ष पुरानी चट्टानों की स्टडी करने रिसर्चर्स आएंगे। जबलपुर में इस प्रोजेक्ट के लिए नगर निगम, प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार से स्वीकृति मिल गई है।