भोपाल। मध्य प्रदेश में खाद की किल्लत से अन्नदाता किसान परेशान हैं। आलम ये है कि खेत में खड़ी फसल को छोड़कर किसानों को एक बोरी खाद के लिए दिन-रात लाइनों में लगना पड़ रहा है। इसके बाद भी उन्हें खाद नसीब नहीं हो रही। इसे लेकर जगह-जगह प्रदर्शन भी रहे हैं। मुरैना में खाद के लिए कतार में लगे किसानों में आपस में मारपीट हो गई। खाद संकट को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्य सरकार को निशाने पर लिया है।

कमलनाथ ने ट्वीट किया, 'मध्य प्रदेश खाद संकट में देश का अव्वल राज्य बनता जा रहा है। प्रदेश के कई ज़िलों में खाद के लिए परेशान किसानों में आपसी मारपीट की ख़बरें भी सामने आने लगी हैं। अगर ध्यान से देखें तो पिछले दो महीनों में प्रदेश के हर इलाक़े से खाद की क़िल्लत के समाचार आए हैं। किसानों को लंबी लंबी लाइनों में लगना पड़ा है, कई जगहों पर किसानों के ऊपर पुलिस ने लाठियां चलायीं, कई जगह किसान बेहोश होकर गिर पड़े और बहुत सी जगहों पर नक़ली खाद मिलने के भी समाचार सामने आए हैं।'

कमलनाथ ने आगे लिखा, 'खाद को लेकर किसानों के इस क़दर परेशान होने के बावजूद आज तक मध्य प्रदेश सरकार ने खाद उपलब्ध कराने के बारे में कोई प्रयास नहीं किया है। ऐसे कोई आंकड़े सार्वजनिक नहीं किए गए कि प्रदेश में कितनी खाद की उपलब्धता है और कितनी अतिरिक्त खाद की ज़रूरत है। यह अतिरिक्त खाद कितने समय में किसानों को पहुँचा दी जाएगी, इसके बारे में भी भाजपा सरकार मौन है।'

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि खाद उपलब्ध कराने की जगह झूठे बयान और आश्वासन दिए गए और जब इससे भी काम नहीं चला तो किसानों की आवाज़ दबाने की कोशिश की गई। मध्य प्रदेश जैसे कृषि प्रधान राज्य में जहाँ 70 प्रतिशत आबादी खेती पर निर्भर है खाद का यह कुप्रबंधन बताता है कि मध्य प्रदेश में भाजपा सरकार के पास ना नीति है और नीयत। उन्होंने सरकार से माँग करते हुए कहा कि अब भी समय है कि हर ज़िले में खाद की माँग और आपूर्ति के अंतर को स्पष्ट रूप से समझा जाए और जैसे भी संभव हो एक हफ़्ते के भीतर किसानों को खाद उपलब्ध कराया जाए।