मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने मंत्रियों के विभागों के बंटवारा विवाद को सुलझाने की गरज से दिल्‍ली गए हुए हैं। उन्‍हें सोमवार दोपहर भोपाल आ जाना था मगर वे अब रात को भोपाल नहीं आए। उनकी वापसी टलने की वजह विभागों को लेकर जारी खींचतान कम नहीं होना बताया जा रहा है। कांग्रेस छोड़कर भाजपा में गए ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया अपने समर्थकों के लिए कुछ खास विभाग मान रहे हैं, जबकि शिवराज उन विभागों को बीजेपी के वरिष्‍ठ नेताओं को देना चाहते हैं। इसी कारण मंगलवार सुबह होने वाली कैबिनेट बैठक स्‍थगित कर दी गई है।

मुख्‍यमंत्री शिवराह सिंह चौहान ने अपनी शपथ ग्रहण के 3 माह बाद कैबिनेट विस्‍तार किया तो इस देरी की एक वजह पार्टी में बढ़ती गुटबाजी और हर गुट को संतुष्‍ट करने की कवायद थी। मंत्रिमंडल विस्‍तार के बाद पता चला कि बीजेपी ने कांग्रेस छोड़कर आए ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया के आगे लगभग सरेंडर करते हुए सिंधिया समर्थकों को पूरी तवज्‍जो दी। यहां तक कि पहली बार चुने गए सिंधिया समर्थकों को मंत्री बनाया गया और बीजेपी के चार बार से विधायकों को नजरअंदाज किया गया।

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लेकिन मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मुसीबतें यहीं खत्‍म नहीं हुई हैं। सूत्र बताते हैं कि ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया तुलसी राम सिलावट को उप मुख्‍यमंत्री बनवाना चाहते हैं। दूसरी तरफ कांग्रेस सरकार गिराने में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाने वाले बीजेपी नेता और वर्तमान गृहमंत्री नरोत्‍तम मिश्रा भी उप मुख्‍यमंत्री बनना चाहते हैं। यह मुद्दा अभी सुलझा भी नहीं था कि सिंधिया ने अपने समर्थकों के लिए कांग्रेस सरकार के समय रहे विभाग तथा कुछ अन्‍य मलाईदार विभागों की मांग कर दी है। वे नगरीय प्रशासन, स्‍वास्‍थ्‍य, महिला एवं बाल विकास विभाग जैसे महत्‍वपूर्ण विभाग अपने समर्थकों को दिलवाना चाहते हैं।खबर है कि बीजेपी नेताओं ने सिंधिया खेमे के अधिक मंत्री बनाना तो मंजूर कर लिया मगर वे सिंधिया की पसंद के विभाग सरेंडर करने के मूड में नहीं हैं।

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इसी खींचतान के कारण मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 5 जुलाई की शाम को दिल्‍ली गए हैं। बताया जाता है कि चौहान ने दिल्‍ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा व संगठन के अन्‍य नेताओं से मुलाकात की है। मुख्‍यमंत्री शिवराज को सोमवार की दोपहर भोपाल आना था मगर उनका आना रात तक के लिए टल गया है। विभागों की सूची को लेकर अब भी पेंच है। वे नेताओं से चर्चा के बाद ही भोपाल आएंगे।

मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भोपाल आने के बाद विभागों के विभाजन की सूची जारी कर सकते हैं। इस सूची के बाद ही पता चलेगा कि उपचुनाव को देखते हुए बीजेपी ने सिंधिया की कितनी सुनी है।