नई दिल्ली। मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले के बासी बेरदहा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर हो रही पेड़ कटाई को लेकर कांग्रेस हमलावर है। मध्य प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने सोमवार को दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय में इस विषय पर प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। पार्टी नेताओं ने कहा कि सिंगरौली में संविधान, पर्यावरण और आदिवासी अधिकारों की खुलेआम हत्या की जा रही है।
मध्य प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक ओर देशवासियों से “एक पेड़ माँ के नाम” लगाने का आह्वान करते हैं, वहीं दूसरी ओर उनकी सरकार द्वारा कॉर्पोरेट हितों के लिए लाखों पेड़ों की कटाई की अनुमति दी जा रही है। मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले में अडानी समूह को खनन हेतु सुलियारी और धिरौली कोल ब्लॉकों का आवंटन इसी दोहरे चरित्र का प्रमाण है, जहाँ बड़े पैमाने पर जंगलों की कटाई और आदिवासी समुदायों के अधिकारों का हनन किया जा रहा है।
सिंघार ने कहा कि इस गंभीर स्थिति की वास्तविकता सामने लाने के लिए अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने एक तथ्य अन्वेषण समिति का गठन किया। समिति जब सिंगरौली पहुँची और प्रभावित आदिवासी परिवारों से मिलने का प्रयास किया, तो स्थानीय प्रशासन और पुलिस द्वारा उन्हें रास्ते में ही रोक दिया गया। कड़े विरोध और जनदबाव के बाद ही समिति को पीड़ितों से मिलने की अनुमति दी गई, जो यह दर्शाता है कि सच्चाई छिपाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
सिंघार ने कहा कि क्या मोदी सरकार देश का पर्यावरण बर्बाद करना चाहती है? क्या आदिवासियों को उनके घर, जमीन और जंगल से बाहर करना चाहती है? क्या कॉरपोरेट मुनाफा ही अब सरकार की एकमात्र नीति रह गई है? उन्होंने कहा कि सिंगरौली का यह मामला केवल एक जिले या एक राज्य का नहीं है, बल्कि यह देश के संविधान, पर्यावरण संरक्षण, आदिवासी अधिकारों और लोकतांत्रिक मूल्यों से जुड़ा गंभीर प्रश्न है। कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे पर पीछे हटने वाली नहीं है और आदिवासी समाज, पर्यावरण तथा देश के संसाधनों की रक्षा के लिए हर स्तर पर संघर्ष जारी रखेगी।
इस दौरान प्रदेश कांग्रेस प्रभारी हरीश चौधरी ने कहा कि मध्य प्रदेश के सिंगरौली में देश के संविधान की धज्जियां उड़ाई जा रही है। यहां पर्यावरण, वाइल्ड लाइफ और आदिवासियों से जुड़े सारे नियम और कानूनों को तोड़ा जा रहा है। सिंगरौली में जो रहा है, हम उसके खिलाफ आंदोलन करेंगे और सदन के साथ अदालत तक इस मामले को उठाएंगे।
वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि देश की सबसे बड़ी आदिवासी आबादी और जंगल का भू-भाग मध्य प्रदेश में है। यहां 1.5 करोड़ से ज्यादा आदिवासी भाई-बहन हैं। मध्य प्रदेश में कानून है कि किसी आदिवासी की जमीन कोई गैर-आदिवासी नहीं खरीद सकता, लेकिन मध्य प्रदेश में 1,46,000 हेक्टेयर जमीन खनन के लिए अलग-अलग खनिज माफियाओं को दे दी गई। मध्य प्रदेश में सरकार ने पिछले 4 साल में आदिवासियों की 1,30,000 हेक्टेयर जमीन बेच दी है। हालात ये है कि BJP सरकार ने सारे नियमों को ताक पर रखकर मध्य प्रदेश में 5,000 से ज्यादा खदानें दान कर दी हैं।