उज्जैन| शहर के वार्ड 54 में करीब 12 से अधिक गर्भवती महिलाओं के साथ ऑनलाइन ठगी का मामला सामने आया है। ठगो ने महिलाओं को फोन कर उनके खातों में डिलीवरी के लिए राशि भेजने का झांसा दिया और एक लिंक भेजकर बैलेंस चेक करने को कहा, जैसे ही महिलाओं ने लिंक पर क्लिक किया, उनके खातों से 4 हजार से लेकर 21 हजार रुपए तक की राशि गायब हो गई। शनिवार को पीड़ित महिलाएं शिकायत करने पुलिस कंट्रोल रूम पहुंचीं, जहां से उन्हें साइबर क्राइम ऑफिस भेज दिया गया।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ज्योति जायसवाल ने बताया कि उन्होंने चार दिन पहले गर्भवती महिलाओं को पोषण आहार बांटा था, जिसके बाद सभी को एक संदिग्ध कॉल आया। कॉलर ने खुद को सरकारी कर्मचारी बताकर खाते में डिलीवरी की राशि भेजने की बात कही और अकाउंट चेक करने के लिए लिंक भेजा। लिंक खोलते ही महिलाओं के बैंक खातों से पैसे कटने लग गए। कार्यकर्ता ने यह भी बताया कि गर्भवती महिलाओं को महीने में चार बार पोषक आहार दिया जाता है जिसके लिए ऑनलाइन ऐप FRS इस्तेमाल किया जाता है। इसमें गर्भवती महिला की फोटो और महत्वपूर्ण जानकारी भरी जाती है जिसके बाद एक OTP मोबाइल पर आता है और फिर उन्हें पोषक आहार दिया जाता है।
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इस मामले में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की अध्यक्ष उम्मीद तोमर ने कहा कि पांच दिन में एक दर्जन से ज्यादा महिलाओं के साथ साइबर ठगी हुई है। वहीं कार्यकर्ता दीपा ने बताया कि पहले 4000 रुपए कटे और फिर कॉलर के कहने पर पासकोड डालने के बाद और 5500 रुपए खाते से निकल गए। महिलाओं के साथ हुई ठगी की शिकायत के बाद साइबर टीम ने जांच शुरू कर दी है।
साइबर क्राइम के मामले दिन - प्रतिदिन बढ़ते जा रहे है इससे बचाव के लिए लोगों को सलाह दी गई है कि वे अज्ञात नंबर से आई, लिंक को न खोलें और फोन में अनचाहे ऐप्स की जांच करते रहें, संदिग्ध कॉल्स को ब्लॉक करें और बैंकिंग से जुड़े किसी भी लेन-देन पर तुरंत बैंक से संपर्क करें।