नई दिल्ली। कोरोना के दौर में तमाम बहस तथा विरोध के बीच जेईई की परीक्षाओं का आयोजन 1 सितंबर से होना है। परीक्षा आयोजित कराने वाली संस्था एनटीए ( नैशनल टेस्टिंग एजेंसी ) ने परीक्षा के आयोजन की रूपरेखा तैयार कर ली है। एनटीए को परीक्षा के आयोज में लगभग 13 करोड़ खर्च आएगा। 

परीक्षाओं का आयोजन कुल 6 दिनों की 12 पालियों में किया जाएगा। पहले 8 पालियों में इस परीक्षा का आयोजन निर्धारित किया गया था। देश भर में पहले 570 परीक्षा केंद्रों की व्यवस्था की गई थी। लेकिन अब एजेंसी ने परीक्षा केंद्रों की संख्या भी बढ़ा दी है। पहले एक शिफ्ट में 1 लाख 32 हज़ार परिक्षार्थियों के शामिल होने की योजना थी, जिसे अब घटाकर 85 हज़ार कर दिया गया है।

एनटीए के निदेशक विनीत जोशी ने अंग्रेज़ी के प्रमुख अख़बार इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि ' पहले हमने प्रति 30 परिक्षार्थियों पर दो परीक्षकों (invigilator) की तैनाती की योजना बनाई थी, लेकिन अब हमने हर 15 परिक्षार्थियों पर दो परीक्षकों को तैनात करने की योजना बनाई है।' 

Click: JEE NEET 2020: छात्र परीक्षा के लिए राजी, इस मुद्दे पर ना हो राजनीति

क्या है एनटीए का ब्लूप्रिंट? 
जेईई की परीक्षाओं का आयोजन 1 सितंबर से होना है, जिसका समापन 6 सितंबर को होगा। परीक्षाओं के लिए लगभग दस लाख छात्रों ने आवेदन दिया है। लिहाज़ा परीक्षा केंद्रों पर दस लाख जोड़े दस्ताने तथा इतने ही मास्क की व्यवस्था एनटीए की ओर से की जाएगी। इसके साथ ही 10 लाख मास्क, दस लाख ग्वोव्स, 6,660 लीटर हैंड-सैनिटाइजर की व्यवस्था भी एजेंसी को करनी है। 1300 इंफ्रारेड थर्मोमीटर गंस, 3300 स्प्रे, था 3300 सफाई कर्मचारियों की तैनाती परीक्षा केंद्रों पर की जाएगी।