भोपाल। कर्नल सोफिया कुरैशी के विरुद्ध अभद्र टिपण्णी करने वाले मंत्री कुंवर विजय शाह के खिलाफ देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहा है। कांग्रेस उनके बयान के बाद से लगातार हमलावार है, और इस्तीफे की मांग कर रही है। शुक्रवार को कांग्रेस विधायकों का प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल मंगू भाई पटेल से मिलने पहुंचा। इसके बाद कांग्रेस विधायक राजभवन के बाहर ही धरने पर बैठ गए।

कांग्रेस विधायकों के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल मंगू भाई पटेल को ज्ञापन सौंपकर मंत्री विजय शाह को बर्खास्त करने की मांग की। इसके बाद कांग्रेसी विधायक काले कपड़ों में राजभवन के बाहर धरने पर बैठ गए और मंत्री शाह की बर्खास्तगी की मांग को लेकर नारेबाजी करने लगे। कांग्रेस विधायकों के राजभवन के बाहर धरने को देखते हुए अतिरिक्त पुलिस बल बुलाया गया। इसके बाद धरना दे रहे सभी कांग्रेस विधायकों को पुलिस ने गिरफ्तार किया। कांग्रेस विधायकों को पुलिस ने जबरन हाथ-पैर पड़कर पुलिस ने बस में भरा और सारे विधायकों को गिरफ्तार कर ले गई।

प्रदर्शन के दौरान मध्य प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा, 'विजय शाह ने सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी के खिलाफ़ अभद्र टिप्पणी की लेकिन सरकार ने अभी तक कोई फ़ैसला नहीं लिया है। हम उनका इस्तीफ़ा चाहते हैं। क्या भाजपा सेना से बड़ी है? मैं प्रधानमंत्री मोदी से कहना चाहता हूं कि इस पर तुरंत फ़ैसला लिया जाए। मैं अमित शाह और मुख्यमंत्री से पूछना चाहता हूं कि वे सब चुप क्यों हैं? हमने राज्यपाल से आग्रह किया कि अगर कोई इस तरह की अपमानजनक टिप्पणी करता है तो उन्हें तुरंत कार्रवाई करने का अधिकार है...जब तक उन्हें बर्खास्त नहीं किया जाता, हम यहां विरोध प्रदर्शन करते रहेंगे।' 

वहीं, कांग्रेस पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष व राघौगढ़ विधायक जयवर्धन सिंह ने कहा, 'ये कितना शर्मनाक है कि एक बीजेपी मंत्री की ओर से इस तरह का घटिया बयान आ रहा है। केवल माफ़ी मांगना पर्याप्त नहीं है। यदि भाजपा में थोड़ी भी नैतिकता बची है, यदि सशस्त्र बलों के प्रति उनके मन में कोई सम्मान है, तो उन्हें तुरंत मंत्री को बर्खास्त कर देना चाहिए। यदि मंत्री विजय शाह की बर्खास्तगी नहीं होती है तो माना जाएगा कि भाजपा उनके बयान का समर्थन कर रही है।' 

बता दें कि मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने विजय के इस अभद्र बहन पर स्वत: संज्ञान लिया था। जबलपुर हाईकोर्ट के जस्टिस अतुल श्रीधरन और जस्टिस अनुराधा शुक्ला की बेंच ने डीजीपी को मंत्री शाह पर एफआईआर के निर्देश दिए थे। हाईकोर्ट के आदेश के बाद विजय शाह के खिलाफ धारा 152, 196(1)(बी) और 197(1)(सी) के तहत अपराध दर्ज किया गया है।

उधर, मंत्री विजय शाह एफआईआर रद्द कराने सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं। उन्होंने 56 पेज का आवेदन लगाया है। इसमें कहा है कि इस केस से मेरी प्रतिष्ठा धूमिल हुई है। मैं लंबे समय से विधायक हूं और मध्यप्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री भी हूं। हाईकोर्ट की मंशा अच्छी थी, लेकिन इस केस में प्रक्रिया को पूरा नहीं किया गया। मेरा पक्ष सुने बिना ही केस करने का आदेश किया गया।