पटना। बिहार विधानसभा चुनाव के बीच मोकामा में गुरुवार को बड़ी हिंसक घटना सामने आई है। यहां जन सुराज पार्टी के उम्मीदवार पीयूष प्रियदर्शी के काफिले पर घोसवरी में हमला किया गया, जिसमें उनके चाचा दुलारचंद यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गई।

इस जघन्य वारदात का आरोप एनडीए प्रत्याशी अनंत सिंह के समर्थकों पर लगा है। इस हमले ने मोकामा के चुनावी माहौल में भारी तनाव पैदा कर दिया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि दुलारचंद यादव एक दौर में लालू यादव के बेहद करीबी हुआ करते थे। वर्तमान में मोकामा के पीयूष प्रियदर्शी उर्फ़ लल्लू मुखिया को अपना समर्थन दिए हुए थे।

दुलारचंद यादव ने चार दिन पहले ही लल्लू मुखिया को लेकर एक गीत भी गया था। बताया जाता है कि एक जमाने में मोकामा टाल में इनकी काफ़ी धमक हुआ करती थी। पुलिस सूत्रों के अनुसार जनसुराज से जुड़े अन्य नेताओं ने पुलिस को बताया है कि हमारे उम्मीदवार का काफिला अनंत सिंह की गाड़ी के पीछे था। इसी दौरान अचानक अनंत सिंह के समर्थक गाड़ियों से निकले और उनपर हमला बोल दिया।

मौके पर मौजूद एक अन्य शख्स ने बताया कि हम लोग पीयूष प्रियदर्शी के काफिले के 10 गाड़ी के पीछे थे। सामने से अनंत सिंह का काफिला आ रहा था। दोनों काफिले गुजरे तो अनंत सिंह के समर्थकों ने प्रियदर्शी की गाड़ी पर हमला किया। गाड़ी का कांच तोड़ दिया, लाठी-डंडों से तोड़फोड़ भी की। ये एक तरह से जानलेवा हमला था। इसके बाद भगदड़ मच गई. कई गाड़ियों के शीशे तोड़े गए। पुलिस फिलहाल इन तमाम आरोपों की जांच कर रही है।

चुनाव के बीच मोकामा टाल में जनसुराज समर्थक दुलारचंद यादव की हत्या के बाद सियासी तूफान मच गया है। इस वारदात पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सरकार और प्रशासन पर बड़ा हमला बोला है। तेजस्वी ने कहा कि यह घटना बताती है कि बिहार में अपराधी किस हद तक बेखौफ हो चुके हैं। उन्होंने पूछा कि आखिर कौन लोग हैं जो अपराधियों को संरक्षण दे रहे हैं? कौन लोग हैं जो पैरोल पर अपराधियों को बाहर बुलाते हैं? आचार संहिता लागू है, फिर भी कुछ लोग बंदूक लेकर घूम रहे हैं। यह कौन सा राज कहा जाएगा?