नई दिल्ली। देश की जनता आर्थिक मामलों में मोदी सरकार के प्रदर्शन से संतुष्ट नहीं है। सी वोटर के सर्वे में लगभग 72 फीसदी लोगों ने कहा है कि मोदी सरकार के कार्यकाल में महंगाई बेलगाम हो गई है। जबकि 2015 में महज 17 फीसदी लोग मानते थे कि मोदी के राज में महंगाई बढ़ी है। सर्वे के मुताबिक देश के केवल 31.7 फीसदी लोग ही आर्थिक मोर्चे पर केंद्र सरकार के प्रदर्शन से संतुष्ट हैं। 



आर्थिक मोर्चे पर सरकार के कामकाज से लोग नाराज़ 



सी वोटर के सर्वे के मुताबिक देश की जनता आर्थिक मोर्चे पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और प्रधानमंत्री मोदी के कामकाज से खुश नहीं है। सर्वे के मुताबिक 46.4 फीसदी लोग मानते हैं कि आर्थिक मोर्चे पर केंद्र सरकार ने उम्मीद से खराब प्रदर्शन किया है। केवल 31.7 फीसदी लोग ऐसे हैं, जो मानते हैं कि आर्थिक मोर्चे पर मोदी सरकार का कामकाज उम्मीद से बेहतर रहा है। 12.8 प्रतिशत लोगों की नज़र में कुछ भी नहीं बदला है, सब कुछ ज्यों का त्यों है। सिर्फ 10.8 फीसदी लोग ही ऐसे हैं, जो मानते हैं कि मोदी राज में महंगाई कम हुई है।



कांग्रेस पार्टी ने इस सर्वे के नतीजों को शेयर करते हुए मोदी सरकार को घेरा है। पार्टी ने कहा है कि लोगों ने अपनी राय करते हुए मोदीनॉमिक्स को खारिज कर दिया है। 



 





 



पिछले एक साल में जीवन का स्तर खराब हो गया है 



सर्वे के मुताबिक ऐसे लोगों की तादाद ज़्यादा है जिनका यह मानना है कि उनका जीवन स्तर पिछले एक साल में पहले से नीचे गिरा है। 48.4 फीसदी लोग मानते हैं कि पिछले एक साल में आम आदमी के जीवन स्तर में गिरावट आई है। केवल 28 फीसदी लोगों का मानना है कि पिछले एक साल में उनके जीवन स्तर में सुधार आया है। 



खर्च में वृद्धि लेकिन आय में नहीं



सर्वे के मुताबिक ज़्यादातर लोग मानते हैं कि उनके खर्च में तो वृद्धि हुई है लेकिन आय में नहीं। ज़्यादातर लोगों का मानना है कि उनके खर्च बढ़ गए हैं, लेकिन आमदनी या तो उतनी ही है या पहले से भी कम हो गई है। सर्वे के मुताबिक 43.7 लोगों ने आय में स्थिरता की बात कही है जबकि इतने ही लोगों ने कहा है कि उनके खर्च में बढ़ोतरी हुई है। 28.7 फीसदी लोगों का मानना है कि आय में कमी आई है,जबकि खर्च काफी बढ़ गया है। 



कुल मिलाकर इस सर्वे से यही नतीजा निकलता है कि देश के अधिकतर लोग इस वक्त आर्थिक मामलों में मोदी सरकार के कामकाज से प्रसन्न नहीं हैं। हालांकि सी वोटर ने अपने सर्वे में बताया है कि करीब 37.4 फीसदी लोग ऐसे हैं, जो आने वाले दिनों में हालात में सुधार आने की उम्मीद कर रहे हैं। 21.7 फीसदी लोगों का मानना है कि उनके जीवन में कोई खास सुधार आने की उम्मीद नहीं है। 25.8 फीसदी लोगों को आशंका है कि उनका जीवन स्तर पहले से भी खराब हो सकता है।