जयपुर। पंचायत चुनाव में मिली हार के बाद राजस्थान में कांग्रेस ने ज़बरदस्त वापसी की है। राज्य में नगर परिषद और नगर निकाय चुनावों में कांग्रेस ने सबसे अधिक वार्डों में जीत दर्ज की है। कांग्रेस की ज़बरदस्त वापसी से ज़्यादा बुरी खबर बीजेपी के लिए है। बीजेपी इन चुनावों में तीसरे नंबर पर खिसक गई है। बीजेपी से ज़्यादा वार्डों में निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है। 

राजस्थान के 12 जिलों की 50 नगर निकाय चुनाव में 43 नगर पालिका और 7 नगर परिषद के 1775 वार्डों के नतीजे घोषित कर दिए गए हैं। कांग्रेस को 620 वार्डों में जीत मिली है, जबकि निर्दलीयों के खाते में 595 वार्ड आए हैं। बीजेपी को इन चुनावों में 548 वार्डों में जीत मिली हैं। इसके अलावा बसपा के 7, सीपीआई के 2, सीपीआई (एम) के 2 और आरएलपी को 1 सीट मिली है। 

पहले नंबर से तीसरे नंबर पर खिसकी बीजेपी 

बीजेपी के लिए हार से ज़्यादा बुरी खबर यह है कि राजस्थान के 2015 के इन्हीं 50 निकाय चुनाव में 34 शहरों में बीजेपी अपना कब्जा जमाने में सफल रही थी, लेकिन 5 साल बाद सिर्फ चार स्थानों पर अपना पूर्ण बहुमत जुटा पाई है। दिलचस्प बात यह है कि प्रदेश के तीस ऐसे निकाय हैं, जहां निर्दलीय अहम भूमिका में हैं। कांग्रेस के पास विपक्ष में रहते हुए इन 50 में से 14 शहरी निकायों में अध्यक्ष थे। अब 16 में कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत मिला है। हालांकि, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा 40 निकायों पर अपना अध्यक्ष बनाने का दावा कर रहे हैं। 

जनता के मन से दूर होती जा रही है बीजेपी: डोटासरा 
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि बीजेपी का तीसरे स्थान पर सरक जाना साफ संकेत देता है कि लोगों के मन से बीजेपी दूर होती जा रही है। उन्होंने दावा किया है कि राजस्थान के 40 से अधिक स्थानों के निकाय पर कांग्रेस अपना बोर्ड बनाने में सफल रहेगी। डोटासरा ने कहा कि प्रदेश में जिन स्थानों पर निर्दलीय बहुमत की ओर अग्रसर है वे सभी भी कांग्रेस समर्थक ही है. डोटासरा ने कहा कि एक तरह से साफ है कि कांग्रेस निर्दलीयों के जरिए शहरी इलाकों में अपना कब्जा जमाने की कवायद करेगी, जिस तरह से जिला परिषद के प्रमुखों पर कब्जा जमाया है।