भुवनेश्वर। बंगाल की खाड़ी से उठा चक्रवाती तूफान जवाद आज उत्तरी आंध्र प्रदेश और दक्षिणी ओडिशा के तटों से टकरा सकता है। तूफान के खतरों को देखते हुए तटीय इलाकों से तकरीबन 55 हजार लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। चक्रवात के चलते रेलवे ने करीब 150 ट्रेनें रद्द कर दी है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक तटवर्ती इलाकों में नौसेना, NDRF और SDRF को तैनात किया गया है। जवाद तूफान से आंध्र प्रदेश में सर्वाधिक नुकसान की आशंका है। यहां राहत और बचाव के लिए राष्ट्रीय आपदा राहत बल (एनडीआरएफ) की 11 टीमों को तैनात किया गया है, जबकि राज्य आपदा राहत बल (एसडीआरएफ) की पांच और तटरक्षक बल की छह टीमें भी तैनात की गई हैं। बचाव दल ने श्रीकाकुलम जिले से 15,755, विजयनगरम से 1,700 और विशाखापत्तनम से 36,553 लोगों को रेस्कयू किया है। 

उधर ओडिशा में सरकार ने 19 जिलों में स्कूलों को बंद रखने का आदेश दिया है। स्कूल और जन शिक्षा विभाग के आदेश के अनुसार, ओडिशा के 19 जिलों में विभाग से संबद्ध सभी सरकारी, सहायता प्राप्त और प्राइवेट स्कूल शनिवार को बंद रहेंगी। आदेश में कहा गया है कि उपरोक्त सभी जिलों में या अलग-अलग स्थानों में भारी से बहुत भारी वर्षा की संभावना है। हालांकि, यदि पहले से कोई परीक्षा कार्यक्रम निर्धारित किया गया है, तो इसे जिला प्रशासन की देखरेख में सावधानी के तहत आयोजित किया जा सकता है।

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तटीय जिलों में तूफान का असर कल रात से ही देखने को मिल रहा है। यहां देर रात से ही तेज हवाओं के साथ बारिश हो रही है। मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक अगले 12 घंटे में चक्रवात के कमजोर पड़ने की संभावना है। इसके बाद यह उत्तर पूर्व की ओर ओडिशा के तट की ओर बढ़कर पुरी के पास 4 दिसंबर की शाम तक जाएगा। इसके बाद यह कमजोर पड़ सकता है और पश्चिम बंगाल का रुख कर सकता है। पूरी में 700 लोगों को रेस्क्यू किया गया है जिनमें 14 गर्भवती महिलाएं शामिल हैं। IMD ने चेतावनी दी है कि यह तूफान कुछ समय के लिए बड़े तूफान में तब्दील हो जाएगा और 110 किमी प्रति घंटा की गति से हवाएं चल सकती है।