कोरोना संकट के कारण चीन से निकलकर दूसरे देशों में जाने की सोच रही बहुराष्ट्रीय कंपनियों को भारत में लाने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना को बड़ा झटका लग सकता है। दरअसल अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ऐसा करने की कोशिश कर रही एप्पल जैसी कंपनियों को धमकी देते हुए कहा है कि वह इन अमेरिकी कंपनियों पर नए कर लगा सकते हैं। उनका कहना है कि चीन से अपने विनिर्माण इकाइयों को हटाने वाली कंपनियों को दूसरे देश जाने की बजाय अमेरिका में इकाइयां स्थानांतरित करनी होंगी।

समाचार एजेंसी पीटीआई ने एक इंटरव्यू के हवाला देते हुए बताया है कि ट्रम्प ने कहा है कि जो कंपनियां अपनी विनिर्माण इकाइयों को अमेरिका वापस लाती हैं उन्हें टैक्स में राहत मिल सकती है। राष्ट्रपति ट्रम्प के इस कदम को अमेरिका में बढ़ रही बेरोजगारी से जोड़कर देखा जा रहा है। ट्रम्प का कंपनियों से ये आह्वाहन उनके मेक अमेरिका, ग्रेट अगेन के उनके एजेंडे को ही प्रतिध्वनित करता है। दरअसल कुछ दिन पहले ये खबर आई थी कि एप्पल अपनी लॉजिस्टिक्स की कमियों को दूर करने के लिए अपने निर्माण का एक हिस्सा चीन से भारत शिफ्ट करने के बारे में सोच रहा है।राष्ट्रपति ट्रम्प से एप्पल के बारे में आ रही इन खबरों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि एप्पल को हमने थोड़ी राहत दी थी क्योंकि वो उस कंपनी से प्रतिस्पर्धा कर रही थी, जो हमारे द्वारा किये गए व्यापार सौदे का हिस्सा थी। लेकिन अब हम एप्पल को ऐसी अनुमति नहीं दे रहे हैं। ट्रम्प ने ये भी कहा कि दूसरे देशों की तरह अगर हम भी व्यवहार करें तो एप्पल अमेरिका में अपने उत्पाद का 100 फीसदी उत्पादन करेगा।

राष्ट्रपति ट्रम्प ने साफ शब्दों में कहा है कि जो अमेरिकी कंपनियां अपनी विनिर्माण इकाइयों को अमेरिका की बजाय कहीं और ले जाती हैं तो उन पर टैक्स लगाएंगे।

गौरतलब है कि कोरोना संकट के कारण इन दिनों कई कंपनियां अपनी विनिर्माण इकाइयों का एक से अधिक देशों में विस्तार करने के बारे में सोच रही हैं। भारत ने भी इन कंपनियों को लुभाने के लिए कई पेशकश की है। उनसे उज्ज्वल भविष्य का वादा किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने भी हाल में अपने एक संबोधन में भारत को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का एक मजबूत हिस्सा बनाने की बात कही है। पर राष्ट्रपति ट्रम्प के इस रुख से उनकी कोशिशों को झटका लग सकता है।